धर्म डेस्क: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है। इसलिए इस पंचमी को नागपंचमी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार माना जाता हैं कि पंचमी तिथि के स्वामी नाग हैं। इस दिन नागों की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता हैं। इस दिन भूलकर भी जमीन को नहीं खोदना चाहिए।
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नाग दोवता को भगवान शिव के गले में विराजमान रहते है। जिन्हें उनका श्रृंगार माना जाता हैं। माना जाता है कि सर्प हमार शत्रु होते हैं। सभी के दिमाग में एक चीज हमेशा आती हैं कि आखिर जब वह हमारे शत्रु है, तो उनकी पूजा क्यों की जाती हैं। हम आपको अपनी खबर में बताएंगे कि आखिर नागपंचमी के दिन सांपों की पूजा क्यों की जाती हैं। इसके पीछे क्या कराण हैं।
आधुनिक समय में इसके कुछ खास कारण माने जाते हैं, लेकिन यह परंपरा सदियों से चली आ रही हैं। जिसके कारण इसकी पौराणिक कथा भी हैं। जानिए क्या हैं इसका खास कारण और पौराणिक कथा।
- भारत एक कृषि प्रधान देश माना जाता हैं। वहीं दूसरी ओर सांप हमारे खेतों की रक्षा करते हैं क्योंकि यह फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले चूहों और कीड़ों को खा लेते हैं इसलिए उन्हें क्षेत्रपाल भी कहा जाता है और इसी कारण लोग उनकी पूजा भी करते हैं।
- इसका दूसरा कारण हैं कि सांप को खुशबू बहुत पसंद होती हैं। इसी कारण हमारे पुराणों में सर्प को काफी ऊंचा स्थान दिया गया है इस कारण भी लोग उन्हें पूजते हैं।
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