अगर कृष्ण को कंस के राज से नही ले जाया जाता तो कंस उनकी की भी हत्या कर देता अन्य पुत्रें की तरह। इसी योगमाया नें अपनी शक्ति से कंस का द्वरपाल को चेतना अवस्था में कर दिया था जिसके बाद वासुदेव श्रा कृष्ण को सूप में रख कर यमुना नही को पार कर नंदगांव गए थे और नंद ने श्री कृष्ण को योगमाया से बदल कर वासुदेव को दिया था।
इसके बाद कारागार में आते ही द्वारपाल जग गए ऐर वासुदेव की फिर से बेडियां लग गई। इसके बाद कंस को बेटी के पैदा होने की खबर दी गई जिसे कंस के द्वारा मारनें के वक्त आकाश में चली गई थी और कंस के वध की बात कही थी कि तुम्हारा वध करनें काला इस दुनिया में आ गया है।
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