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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र साधु क्यों रखते है अपने साथ माला, जटा, तिलक, भस्म और कमंडल, जानिए

साधु क्यों रखते है अपने साथ माला, जटा, तिलक, भस्म और कमंडल, जानिए

ऐसे साधु होते है जो अपने शरीर में भस्म, जटाएं, कानों में कुंडल, गले में रुद्राक्ष का माला और कुछ तो अर्धनग्न और हाथ में चिमटा, त्रिशुल औक कंमडल लिए रहते है तो हमारे मन में एक बात आती है कि आखिर ये अपने साथ में चीजे क्यों लिए रहते है। कभी इन लोगों को

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वस्त्र
साधु संत कभी गेरुआ, पीतांबर या फिर भगवा रंग के वस्त्र धारण करते है। वैष्णव संप्रदाय में ज्यादातर साधु-संत श्वेत, कसाय या पीतांबरी वस्त्र का इस्तेमाल करते हैं, वहीं शैव संप्रदाय में भगवा रंग के वस्त्रों का अधिक इस्तेमाल होता है। उदासीन में दोनों ही प्रकार के वस्त्रों का चलन है। साथ ही साधु-संत रत्नों से भी सुशोभित होते हैं।

तिलक
साधु लोग इसे श्रंगार के रूप में इस्तेमाल करते है। सबसे ज्यादा तिलक । हर साधु-संत अपने माथे में खड़ा टिका लगाते है। और अपने संप्रदाय के अनुसार आकृति और रंग बदल जाता है। शैव संप्रदाय में आड़ा तिलक लगाया जाता है।

उदासीन में खड़ा-आड़ा दोनों ही प्रकार के तिलक लगाए जा सकते हैं। तिलक लगाने में साधु-संत विशेष एकाग्रता बरतते हैं। तिलक इतनी सफाई से लगाया जाता है कि अमूमन रोज ही उनका तिलक एक समान नजर आता है।

 

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