नई दिल्ली: जब खुदा, ईश्वर की बात होती है। तब कोई धर्म नहीं होता है। कोई धर्म की लकीर बीच में नहीं आती है। किसी-किसी जगह की इबादत इतनी पाक होती है कि हर बंदा हर दीवार को तोड़ खुद ही उसके पास पंहुच जाता है।
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ऐसी ही एक दरगाह है जहां पर क्या हिंदू, क्या मुस्लमान सभी एक होकर इबादत करते है। जीं हा एक ऐसा दरगाह सहां धर्म का कोई बंधन नहीं है। जहां पर हर धर्म के लोग जा सकते है। यह दरगाह और कोई नहीं बल्कि हाजी अली दरगाह है। जो अपने चमत्कार के कारण काफी चर्चित भी है।
हाजी अली दरगाह के नाम से मशहूर यह दरगाह हाजी अली शाह बुख़ारी की हैं। माना जाता है कि यहां पर सच्चें मन से कोई बात धागे के साथ बोलो तो हर मुराद जरुर पूरी होती है। अल्लाह किसी का कभी बुरा नहीं चाहता है।
15 वीं शताब्दी में मुंबई के वरली में स्थित समुद्र के किनारे हाजी अली की इस दरगाह को बनाया गया थ। इस दरगाह की अपनी ही खास बात है वो है जमीन से कम से कम 500 गज दूर समु्द्र के अंदर बनी हुई बनी हुई है। इस दरगाह तक पंहुचने के लिए लोगों को लंबी रास्ता तय करना पडता है। इसके लिए पुल बना हुआ है। यह पुल सीमेंट का बना हुआ है।
जोकि दोनो ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। यहां पर हमेशा ज्वार आता रहता है। जिसके कारण यहां का पूल बंद कर दिया जाता है। इस पुल से न कोई दरगाह जा सकता है और न ही कोई दरगाह से आता है।
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