A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र ... तो इसलिए गांधारी ने प्रतिज्ञा तोड़ खोली थी अपने आंखों की पट्टी

... तो इसलिए गांधारी ने प्रतिज्ञा तोड़ खोली थी अपने आंखों की पट्टी

नेत्रहीन धृतराष्ट्र से हुआ, तभी से गांधारी ने भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। इन्होंने सोचा कि जब मेरे पति ही नेत्रहीन हैं, तब मुझे संसार को देखने का अधिकार नहीं है। लेकिन आप जानते है कि गंधारी नें दो बार अपने आंखों से पट्टी हटाकर अपनी प्रतिज्ञा तोड़

gandhari- India TV Hindi gandhari

धर्म डेस्क: गांधारी गांधार के 'सुबल' नामक राजा की बेटी थीं। गांधार की राजकुमारी होने के कारण उनका नाम गांधारी पड़ा। यह हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र की पत्नी और दुर्योधन आदि कौरवों की माता थीं। गांधारी की भगवान शिव में विशेष आस्था थी, और ये शिव की परम भक्त थीं। वह एक आदर्श नारी सिद्ध हुई थीं।

ये भी पढ़े-  जानें कैसे हुई गंधारी, कुंती और धृतराष्ट्र की मौत..

जब गांधारी का विवाह नेत्रहीन धृतराष्ट्र से हुआ, तभी से गांधारी ने भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। इन्होंने सोचा कि जब मेरे पति ही नेत्रहीन हैं, तब मुझे संसार को देखने का अधिकार नहीं है।

जब गांधारी का विवाह नेत्रहीन धृतराष्ट्र से हुआ, तभी से गांधारी ने भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। इन्होंने सोचा कि जब मेरे पति ही नेत्रहीन हैं, तब मुझे संसार को देखने का अधिकार नहीं है। इसी कारण उन्होनें आजीवन अपने आंखों में पट्टी बांध रखी थी। लेकिन आप जानते है कि गंधारी नें दो बार अपने आंखों से पट्टी हटाकर अपनी प्रतिज्ञा तोड़ी थी।

पहली बार प्रतिज्ञा तोड़ी
महाभारत में कौरवों की माता और महाराज धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी को भगवान शिव में असीम आस्था थी और उन्हें भगवान् शिव से ही यह वरदान प्राप्त था कि वह जब कभी भी किसी को भी अपनी आंखों की पट्टी उतारकर देख लेंगी उसका पूरा बदन लोहे का हो जायेगा और इसी वरदान के चलते गांधारी ने पुत्र मोह में आकर अपने अधर्मी पुत्र दुर्योधन की रक्षा करने के लिए महाभारत युद्ध के दौरान उसके पूरे बदन को नंगा देखने के लिए प्रथम बार अपनी पट्टी उतारी थी लेकिन भगवान कृष्ण की चाल की वजह से अपनी कमर पर शर्म की वजह से दुर्योधन ने केले का पत्ता लपेट लिया था।  दुर्योधन की यही गलती उसकी मौत का कारण बनी।

दूसरी बार प्रतिज्ञा तोड़ी

इसके अलावा दूसरी बार गांधारी ने महाभारत युद्ध के आखिरी दिन अपनी पट्टी उतारी थी। जब महाभारत का युद्ध समाप्ति पर था तब जिस समय गांधारी को अपने प्रिय पुत्र दुर्योधन के घायल होने का समाचार प्राप्त हुआ था उस समय उन्होंने अपनी आँखों की पट्टी खोलकर देखने के लिए भागी थी, लेकिन तब तक भीम ने दुर्योधन की कमर को तोड़ दिया था जिसके कारण दुर्योधन अपनी अंतिम सांस ले रहा था।

Latest Lifestyle News