श्री गणेश की पीठ के दर्शन नहीं करने के पीछें क्या है कारण, जानिए
श्री गणेश जिसे विघ्न हर्ते के नाम से जाना जाता है। इनके दर्शन मात्र से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है, लेकिन क्या आप जानते है कि इनके पीठ के दर्शन करने से आपको कई समस्याएं हो सकती है। जानिए ऐसा क्यों हैं?
धर्म डेस्क: श्री गणेश जिसे प्रथम देवता माना जाता है। हमारे घर में कोई भी मांगलिक काम या फिर कोई काम ही क्यों न हो। सबले पहले इन्हे ही पूजा जाता है। गणेश जी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण कर देते है। अपने भक्तों को वो कभी भी दुखी नहीं रखते हैं। उनके ऊपर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखते है। जिससे कि उनके भक्तों को हमेशा सुख मिले। कभी भी कोई भी समस्या उनको छू भी न पाएं।
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हिंदू धर्म के पुराणों के अनुसार माना जाता है कि अगर आपका कोई भी काम रूक रहा हो। या फिर आप कोई भी काम करने जाते है तो उसमें असफलता मिलती है। तो भगवान गणेश का मात्र नाम लेने से ही सारे कष्ट वो हर लेते है। इसीलिए इन्हे विघ्नहर्ता , गजानन जैसे कई नामों से जाना जाता है।
लेकिन क्या आप यह बात जानते है कि श्री गणेश की मूर्ति के दर्शन करना कितना शुभ होता है। इनके दर्शन मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते है। लेकिन आपको यह नहीं पता होगा कि इनके पीठ के दर्शन करने स हमारे घर में दरिद्रता का वास हो जाता है। चौक गए न आप। पर यह सत्य है। श्री गणेश की पीठ के दर्शन करने से हमारे घर में गरीबी का निवास हो जाता है जिसके कारण हमें कई परेशानियों से गुजरना पडता है। जानिए इनके पीठ के दर्शन करने से दरिद्रता का निवास क्यों होता है?
गणेशजी को रिद्धि-सिद्धि का दाता माना गया है। इनकी पीठ के दर्शन करना वर्जित किया गया है। गणेशजी के शरीर पर जीवन और ब्रह्मांड से जुड़े अंग निवास करते हैं। गणेशजी की सूंड पर धर्म विद्यमान है तो कानों पर ऋचाएं, दाएं हाथ में वर, बाएं हाथ में अन्न, पेट में समृद्धि, नाभी में ब्रह्मांड, आंखों में लक्ष्य, पैरों में सातों लोक और मस्तक में ब्रह्मलोक विद्यमान है। गणेशजी के सामने से दर्शन करने पर उपरोक्त सभी सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त हो जाती है।
माना जाता है श्रीगणेश की पीठ पर दरिद्रता का निवास होता है। गणेशजी की पीठ के दर्शन करने वाला इंसान अगर बहुत धनवान भी हो तो उसके घर पर दरिद्रता का प्रभाव बढ़ जाता है। इसी कारण इनकी पीठ नहीं देखना चाहिए। अगर आपने इनकी पीठ के दर्शन कर लिए है तो श्री गणेश से क्षमायाचना मांग लेना चाहिए। जिससे कि इसका प्रभाव खत्म हो जाए।