धर्म डेस्क: शनि देव शिंगणापुर में महिलाओं के तेल चढाने को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोज कोई न कोई नया विवाद हो रहा है। इसी प्रतिबंध के खिलाफ भूमाता रन रागिनी बिग्रेड की महिलाओं ने मंगलवार के दिन इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
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वह इसके खिलाफ प्रर्दशन कर रही थी, लेकिन मंदिर के पुजारियों और मंदिर के संचालक बोर्ड के सदस्यों का कहना है कि हम अपनी पुरानी पंरपरा को चोड़ नही सकते है। इसे हम आज के युग के कारण बदल न सकते है।
दरअसल पिछले साल पुणे की ही एक महिला ने मंदिर के चबूतरे पर चढ़कर शनि देव को तेल चढ़ा दिया था। महिलाओं के लिए वर्जित माने जाने वाले इस कृत्य के बाद मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर का शुद्धिकरण करवाया था। बाद में पूजा करने वाली महिला ने तो माफ़ी मांग ली, पर शुद्धिकरण को लेकर महिलाओं ने काफी आक्रोश व्यक्त किया। जानिए आखिर क्यों महिलाएं शनि देव में तेल नहीं चढा सकती है।
हिंदू धर्म के पुराणों के अनुसार इसके पीछे एक कथा है। इसके अनुसार शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त हैं। एक बार शनिदेव की पत्नी पुत्र प्राप्ति की इच्छा में उनके पास गई, लेकिन शनिदेव श्रीकृष्ण के ध्यान में डूबे रहे, पत्नी को ओर देखा भी नहीं।
क्रोधित होकर शनिदेव को उनकी पत्नी ने शाप दिया कि जिसे भी तुम देखोगे वह नष्ट हो जाएगा। जिसके कारम शनिदेव की नजर अशुभ मानी जाने लगी। इसी कारण शिन देव में पत्नी द्वारा दिए गए शाप के कारण महिलाएं उनको तेल नहीं चढा सकती है।
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