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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र ..तो इस कारण असंख्य बाणों की शय्या पर लेटे रहे भीष्म

..तो इस कारण असंख्य बाणों की शय्या पर लेटे रहे भीष्म

एक ही मात्र ऐसे शख्स थे जो कि कि बाण की शय्या में पूरे 10 दिनों के लिए लेटे रहे थे। लेकिन आप यह बात नहीं जानते है कि वह अपनी जिंदगी के अंतिम क्षणों में शय़्या में ही क्यों लेते रहे थे।

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भीष्म ये बात अच्छी तरह से जानते थे कि सूर्य के उत्तरायण होने पर प्राण त्यागने पर आत्मा को सद्गति मिलती है और वे पुन: अपने लोक जाकर मुक्त हो जाएंगे इसीलिए वे सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार करते हैं। और 10 दिनों के लिए सूर्य डूब चुका था। जिसके कारण उन्होने अपने शरीर का त्याग नहीं किया था। साथ ही भीष्म को अपने पिता शांतनु से यब वरदान मिला था कि वह अपनी इच्छा से मृत्यु पा सकते है।  

भीष्म को ठीक करने के लिए शल्य चिकित्सक लाए जाते हैं, लेकिन वे उनको लौटा देते हैं और कहते हैं कि अब तो मेरा अंतिम समय आ गया है। यह सब व्यर्थ है। ये शय्या ही मेरी चिता है। अब मैं तो बस सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार कर रहा हूं।

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