धर्म डेस्क: भारत एक ऐसा देश है जहां पर विभिन्न धर्म है। इन धर्मों में कई तरह के रीति-रिवाज और परंपराए है। खासतौर में हिंदू धर्म में। हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जिसमें आज हर शुभ काम हो या फिर कोई खास मौका या फिर खाने का ढंग की क्यों न हो सभी में रिवाज होता है। लेकिन आप जानते है कि इन सभी कामों से हमारे शरीर को कितना फायदा मिलता है। साथ ही इससे हमारे दिमाग में भी अधिक प्रभाव पड़ता है।
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हिंदू धर्म में एक चीज सबसे अलग है वो है किसी महिला का सोलह श्रृंगार। जो पूरी दुनिया में भी फेमस है। इस सोलह श्रृंगार में माथे की बिंदी से लेकर पांव में पहनी जाने वाली बिछिया तक होता है। हर एक चीज का अपना एक महत्व है। परंपराओं की दृष्टि से तो इनके महत्व रोचक हैं। यहां की महिलाएं कितनी ही माडर्न क्यों ना हो जाएं, लेकिन आभूषणों से कहीं ना कहीं जुड़ी रहती हैं। कान की बाली से लेकर हाथ में पहनी चूड़ी या फिर माथे का टीका। सभी महिलाओं के श्रृंगार का एक खास हिस्सा माने जाते हैं।
कई बार ये आभूषण रीति-रिवाज़ों के नाम पर भी पहने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विशेष प्रकार के गहने ना केवल रिवाज़ की दृष्टि से अहम माने जाते हैं, बल्कि साइंस ने भी इन्हें पहनने के पीछे कई कारण दिए हैं।
हिंदू धर्म में जिस महिला का पति मृत्युथ को प्राप्त हो जाता है, उसकी नथ को उतार दिया जाता है। इसके अलावा हिंदू धर्म के अनुसार नथ को माता पार्वती को सम्मान देने के लिये भी पहना जाता है।
आपने देखा होगा कि महिलाएं, लड़कियां अपने नाक में नथ पहनती है। इसे हम परंपरा, रिवाज का नाम देते है, लेकिन आप ये बात जानते है कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है।
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