दशहरा: सीताहरण ही नहीं इन श्रापों के कारण भी हुआ दशानन रावण का वध
वण काफी बड़ा विद्वान था, लेकिन राक्षस प्रवृत्ति और अपनी शक्तियों पर घमंड हो जाने के कारण वह अत्याचार करनें लगा था। सभी को परेशान करने लगा था जिसके कारण महान ऋषियों ने उसे श्राप दे दिया जो उसकी मृत्यु का कारण बना। जानिए सीता हरण के आलावा किन कारणों से
ravan
कुबेर की पुत्रवधु रंभा के साथ रावण ने दुराचार किया। जिसके कारण रंभा ने रावण को श्राप दिया कि जिस स्त्री को तुम उसकी इच्छा के खिलाफ जाकर छुना चाहोगे। वही स्त्री तेरी मौत का कारण बनेगी। इसी कारण सीता मां उसकी मृत्यु का कारण बनी।
रावण ने नवग्रह को बंदी बना लिया था। जिसके कारण धरती पर तबाही मच गई थी। इसी कारण रावण का वध करना जरुरी हो गया था तब इंद्र ने विष्णु भगवान से जन्म लेने की विनती कि तब श्री राम का जन्म हुआ।
रावण को अपने ऊपर इतना घमंड हो गया था कि वह सोचता था कि उससे ज्यादा शक्तिशाली कोई नही है। इसी कारण उसमें देवलोक अपने पर कब्जा कर लिया । जिससे सभी देवताओं को वहां से भागना पड़ा तब विष्णु भगवान ने श्री राम के रूप में जन्म लिया।
तपस्विनी वेदवती एक बार तपस्या कर रही थी। रावण उनकी सुंदरता को देखकर फिर से दुराचार करने की कोशिश करता है। जिससे बचने के लिये वेदवती आत्महत्या कर लेती है और यह श्राप देती है कि तुम्हारी म़त्यु का कारण एक स्त्री ही होगी।
दशानन भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। वह चाहता था कि भगवान उसके साथ लंका चलें, लेकिन भगवान ने साथ आने से मना कर दिया, क्योंकि भगवान कैलाश छोडने को तैयार न थे तब रावण ने कैलाश को उठाना चाहा। जिससे पार्वती कोध्रित हुई और रावण को श्राप दे दिया।