धर्म डेस्क: हम किसी से मिलते है, तो हमें कुछ भी नहीं पता होता है कि सामने वाले का कैसा चरित्र, स्वभाव है। उसे क्या पसंद है और क्या नहीं पसंद। सामुद्रिक शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है। जिसमे किसी के बारें में आप सब कुछ जान सकते है। वो भी उसके अंगो के बनावट, रंग, रुप से। धर्म ग्रंथ के अनुसार माना जाता है कि इस शास्त्र को भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने की है। (नागपंचमी: नागों की जीभ के दो टुकड़े होने का है ये कारण, जानिए और भी दिलचस्प बातें)
सामुद्रिक शास्त्र में आज हम बात करेंगे आपकी हथेली के रंगों के बारे में। हर किसी की हथेलियों का रंग अलग-अलग होता है। (राशिनुसार धारण करें तीन मुखी रुद्राक्ष, मिलेंगे ये फायदे)
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की, यहां तक कि घर के लोगों की हथेलियों का रंग भी एक जैसा नहीं होता। किसी की हथेली का रंग भूरा होता है, तो किसी का हल्का गुलाबी या पीला। हथेली के अलग-अलग रंग व्यक्ति के जीवन, उसके स्वभाव से जुड़ी बहुत-सी बातों का राज खोलते हैं।
लाल रंग: समृद्ध और धनी लोगों की हथेली का रंग 'रक्त वर्ण', यानी लाल होता है।
हल्के नीला रंग: हथेली वाले मद्य प्रेमी, यानी शराबी किस्म के होते हैं।
मटमैले रंग: इस रंग की हथेली वाले लोग सामान्यतः पैसों की कमी से परेशान रहते हैं। जबकि चमकीला और चिकना हाथ धनी होने का संकेत देता है। आभाहीन और शुष्क हथेली दरिद्रता की कारक है।
हल्का पीला: इस रंग की हथेली वाली लोग व्याभिचारी होते है।
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