हमारे शरीर के पर अंग के फड़कने के कोई न कोई महत्व होता है। माना जाता है कि पुरुष औऱ महिलाओं के अंग फड़कनें का मतलब अलग-अलग होता है। जानिए एस्टोलॉजी के अनुसार अंगों के फड़कने के मतलब।
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अगर आपके पेट में फड़कन है तो यह अन्न की समृद्धि की सूचना देता है। यदि पेट का दांया हिस्सा फड़क रहा है तो घर में धन दौलत की वृद्धि होगी सुख और खुशहाली बढ़ती है।
अगर आपके पेट का बांया हिस्सा फड़कता है तो धन समृद्धि धीमी गति से बढ़ती है वैसे यह शुभ नहीं है।
अगर पेट का ऊपरी भाग फड़कता है तो यह अशुभ होता है। लेकिन पेट के नीचे का भाग फड़कता है तो स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति होती है।
यदि पीठ दाई ओर से फड़क रही है तो धन धान्य की वृद्धि हो सकती है लेकिन पीठ के बाए भाग का फड़कना ठीक नहीं होता है। असके फडकनें से मुकद्दमे में हार या किसी से झगड़ा हो सकता है।
अगर बाई पीठ में फड़कन धीमी हो तो परिवार में कन्या का जन्म होना संभव है और फड़कन तेज हो तो समय से पहले ही प्रसव हो सकता है।
अगर पीठ का ऊपरी हिस्सा फड़क रहा हो तो धन की प्राप्ति होती है और पीठ का निचला हिस्सा फड़कता है तो बहुत से मनुष्यों की प्रशंसा मिलने की संभावना रहती है।