13 जून को है अधिक मास की अमावस्या, इस दिन राशिनुसार ये काम करने से हो जाएंगी हर कामना पूरी
आज अधिक ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। किसी भी माह की अमावस्या के दिन स्नान-दान और श्राद्ध आदि का बहुत महत्व है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से क्या करें उपाय...
धर्म डेस्क: आज अधिक ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। किसी भी माह की अमावस्या के दिन स्नान-दान और श्राद्ध आदि का बहुत महत्व है। अमावस्या के दिन स्नान-दान या श्राद्ध आदि करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सारे काम पूरे होते हैं। अतः आज अधिक ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन विभिन्न राशि वालों को क्या उपाय करने चाहिए, जिससे आपको पितृदोष के प्रभाव से छुटकारा मिलेगा, मन में नई उमंग, नई तरंग जागेगी, जीवन में खुशहाली आयेगी, बच्चे को लगी बुरी नजर दूर होगी और वो करियर मे आगे बढ़ पायेगा, जीवन में पॉजिटिविटी बनी रहेगी, विवाहित जीवन में चल रही परेशानी से जल्द ही छुटकारा मिलेगा, घर की सुख-समृद्धि और जीवन की गति निरंतर बनी रहेगी, साथ ही बिजनेस में आपको सफलता मिलेगी, पिता के साथ संबंध ठीक होंगे और आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से राशिनुसार क्या उपाय करना होगा शुभ।
मेष राशि
अगर आपकी जन्मपत्रिका में पितृदोष है तो आज के दिन सुबह स्नान आदि के बाद सबसे पहले रसोईघर में जाइए और दूध-चावल की खीर बनाइए। अब अपने पितर देव को दूध, चावल से बनी खीर का भोग लगाएं और हाथ जोड़कर प्रणाम करें। आज के दिन ऐसा करने से आपको पितृदोष के प्रभाव से छुटकारा मिलेगा। साथ ही मेष राशि वाले जो छोटे बच्चे हैं, अगर उन्हें कुछ याद नहीं रहता, वो छोटी-छोटी बातों को तुरंत भूल जाते हैं, तो आज के दिन एक अलग कटोरी में सूखे नारियल के कुछ टुकड़े लें। अब उन नारियल के टुकड़ों से माता सरस्वती को भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद उसमें से एक नारियल का टुकड़ा लेकर अपने बच्चे को प्रसाद के रूप में खाने को दें। बाकी टुकड़ों को किसी मन्दिर में दे आयें। इससे आपके बच्चे को धीरे-धीरे करके सब याद रहने लगेगा।
वृष राशि
अगर आप अपने मन में नई उमंग, नई तरंग देखना चाहते हैं और जीवन में खुशहाली भरना चाहते हैं तो आज के दिन सुबह स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर बाहर खुली हवा में बैठकर आपको गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। गायत्री मंत्र इस प्रकार है- “ॐ भूर्भुव स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥“
इस प्रकार जब आप गायत्री मंत्र का जाप करेंगे तो आपकी वाइब्रेशन्स सीधे कॉसमॉस से जाकर टकरायेगी और कॉसमॉस की ऊर्जा के साथ आपकी ऊर्जा का मिलन होगा।.... इससे आपके मन में नई उमंग, नई तरंग जागेगी और आपके जीवन में खुशहाली आयेगी।
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