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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र एक ऐसी जगह जहां पर लगता है भूतों का मेला, मिलती है भूतों से मुक्ति

एक ऐसी जगह जहां पर लगता है भूतों का मेला, मिलती है भूतों से मुक्ति

भारत एक विविधता का देश है। यह देश ऐसा है जहां पर हर साल सैकड़ो मेला लगते है। जिन पर हजारों लोग आते है, लेकिन क्या आपने किसी एक मेला के बारे में

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माना जाता है महाराणा प्रताप का वंशज
माना जाता है कि विक्रम संवत 1700 के बाद आज से लगभग 348 साल पहले साल1644 के समकालीन समय में गुरू साहब बाबा के पूर्वज मलाजपुर के पास ग्राम कटकुही में आकर बसे थे। बाबा के वंशज महाराणा प्रताप के शासनकाल में राजस्थान के आदमपुर नगर के निवासी थे।

अकबर और महाराणा प्रताप के मध्य छिड़े घमसान युद्ध के परिणामस्वरूप भटकते हुये बाबा के वंशज बैतूल जिले के इस क्षेत्र में आकर बस गए। बाबा के परिवार के मुखिया का नाम रायसिंह तथा पत्नी का नाम चंद्रकुंवर बाई था जो बंजारा जाति के कुशवाहा वंश के थे। इनके चार पुत्र थे मोतीसिंह, दमनसिंह, देवजी (गुरूसाहब) और हरिदास थे।

गुरू साहब बाबा का जन्म साल 1727 फाल्गुन पूर्णिमा को कटकुही ग्राम में हुआ था। बाबा का बचपन से ही रहन-सहन, खाने-पीने का ढंग सबसे अलग था।

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