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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र 14 मार्च से खरमास शुरु, भूलकर भी न करें ये काम

14 मार्च से खरमास शुरु, भूलकर भी न करें ये काम

14 मार्च से खरमास भी शुरू हो रहा है। खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार आदि कराने की मनाही होती है, लेकिन इस दौरान सूर्य देव की उपासना करना विशेष फलदायी माना जाता है। जानिए और कौन से कान नहीं करना चाहिए...

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धर्म डेस्क: सूर्य के गुरु की राशि मीन और धनु में प्रवेश करने की स्थिति में खलमास और मलमास लगता है। जिस तरह से श्राद्ध पक्ष में नए और शुभ काम करने की मनाही होती है।  14 मार्च की रात 11:43 पर सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। अतः आज सूर्य की मीन संक्रांति है। सूर्य की प्रत्येक संक्रांति के दौरान पुण्यकाल का बहुत अधिक महत्व होता है।

इस बार सूर्य की मीन संक्रांति का पुण्यकाल शाम 05:19 से सूर्यास्त तक रहेगा और दिल्ली में आज सूर्यास्त शाम 06:28 पर होगा। पुण्यकाल के दौरान दान-पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान का विधान है। सूर्य की मीन संक्रांति के साथ ही आज से खरमास भी शुरू हो रहा है। खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार आदि कराने की मनाही होती है, लेकिन इस दौरान सूर्य देव की उपासना करना विशेष फलदायी माना जाता है।

शास्त्रों के अनुसार इस मास में सुबह सूर्योदय से पहले उठकर अपने नित्य कामों से निवृत्त हो जाना चाहिए। और दिन भर भगवान विष्णु के नाम का जाप करना चाहिए। इसे विष्णु ने अपना नाम दिया था। इसका दूसरा नाम पुरुषोत्तम मास भी है।  इस दिनों पर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए साथ ही गो दान, ब्राह्मण की सेवा, दान आदि देने से अधिक फल मिलता है।

खरमास से संबंधित कई नियन शास्त्रों में बताएं गए है। इन नियमों में यह भी बताया गया है कि इन दिनों में ये काम नहीं करना चाहिए।

  • खरमास में ताबें के बर्तन में रखा हुआ दूध और चमड़े में रखा हुआ पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही अपने हाथ से बना खाने का सेवन करना चाहिए।

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