Karva Chauth 2018: इस बार करवा चौथ पर सुहागिनें नहीं कर पाएंगी उद्यापन, आई ये वजह सामने
हिंदू धर्म में करवा चौथ का बहुत अधिक महत्व है। करवा चौथ के दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती है। इसके अलावा मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को करती हैं। इस बार करवा चौथ 27 सितंबर, शनिवार को पड़ रहा है।
धर्म डेस्क: हिंदू धर्म में करवा चौथ का बहुत अधिक महत्व है। करवा चौथ के दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती है। इसके अलावा मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को करती हैं। इस बार करवा चौथ 27 सितंबर, शनिवार को पड़ रहा है।
ज्योतिषचार्य के अनुसार इस बार कार्तिक चतु्र्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस बार करवा चौथ पर शुक्र पश्चिम में अस्त हो रहा है। शुक्र 16 अक्टूबर मंगलवार शाम 5 बजकर 53 मिनट पर अस्त होगा। जिसमें कोई भी शुभ काम करना वर्जित होता है। आपको बता दें कि करवा चौथ में सास या ननद को सरगी और उपहार देने की प्रथा है। कहीं-कहीं पति-पत्नी आपस में भी उपहार देते हैं। (17 अक्टूबर को सूर्य कर रहा है तुला राशि पर प्रवेश, इन राशि के जातकों को होगा बिजनेस पर भारी नुकसान )
इस बार शुक्र अस्त होने के कारण नव विवाहित महिलाएं और जिनकी सगाई हो गई है वो युवतियां 16 अक्टूबर शाम 5 बजकर 53 मिनट से पहले ही खरीद लें। फिर 27 अक्टूबर को वह गिफ्ट दे सकती है। 27 अक्टूबर को चंद्र दर्शन रात करीब 8 बजकर 2 मिनट पर होंगे। शुक्र अस्त होने के कारण इस वर्ष करवाचौथ व्रत का उद्यापन नहीं होगा।। यह व्रत 12 वर्ष तक अथवा 16 वर्ष तक लगातार हर वर्ष किया जाता है। अवधि पूरी होने के बाद इस व्रत का मौख, उपसंहार किया जाता है। जो सुहागिन स्त्रियां आजीवन रखना चाहें वे जीवनभर इस व्रत को कर सकती हैं। (इस दशहरे पर 3 दिन पड़ रही हैं छुट्टियां, मौका अच्छा है तो निकल जाएं इन जगहों का दशहरा देखने)
शुक्र अस्त के बाद उदय 1 नवंबर 2018 को होगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त एक घंटे 20 मिनट का है। यानी शाम को 5.36 मिनट और 6.54 तक ही मुहूर्त है। करवा चौथ के दिन ही संकष्टी चतुर्थी भी है।