तेल सिर्फ एक दिन ही लगाएं
पुराणों में माना जाता है कि इस मास में तेल लगाना वर्जित है। आप सिर्फ कार्तिक मास में केवल एक बार नरक चतुर्दशी यानि कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए।
दलहन निषेध
कार्तिक मास में कोई भी दाल जैसे कि उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए। इस माह में हल्का आहार करना चाहिए। साथ ही गरिष्ठ भोजन से परहेज करना चाहिए।
ब्रह्मचर्य का करें पालन
ब्रह्मचर्य का मतलब है कि किसी भी आचरण में लिफ्त न होना, केवल भगवान की भक्ति करना है। कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना बपुत महत्वपूर्ण है। अगर आप इसका पालन नही करते है, तो पति-पत्नी को दोष लगता है। साथ ही अशुभ फल मिलता है।
संयम रखें
इस माल में खुद में संयम होना चाहिए। अगर आप व्रत रखते है तो आपको एक तपस्वी की तरह व्यवहार रखना चाहिए यानि कि काम की बातें करनी चाहिए हो सकें तो कम ही बोलना चाहिए। किसी की बुराई या लडाई नही करना चाहिएं। अपने चंचल मन में संयम रखना चाहिए।
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