Sawan 2019: कांवड़ यात्रा करना नहीं है आसान, इन कठिन नियमों का करना होता है पालन
Sawan 2019: कांवड़ यात्रा कल से शुरू हो रही है।
मुंबई: सावन लग चुका है और कल से कांवड़ यात्रा भी शुरू हो रही है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत से भक्त कांवड़ यात्रा करते हैं। केसरिया वस्त्रों में कांवड़ियों के जत्थे को आपने भी कई बार देखा होगा। लेकिन ये राह इतनी आसान नहीं है जितनी हमें दिखाई देती है। कांवड़ियों को कुछ बेहद सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है। यह यात्रा बहुत कठिन है। इसमें पैदल ही आपको चलना होता है।
यह यात्रा ग्रुप में की जाती है। अगर ग्रुप नहीं भी है तो कम से कम एक साथ होना जरूरी है कांवड़ यात्रा अकेले नहीं की जाती है। कांवड़ यात्रा सूर्योदय से दो घंटे पहले और सूर्यास्त के दो घंटे बाद तक होती है। रात को यात्रा स्थगित करनी होती है। यात्रा के दौरान किसी तरह के श्रृंगार की सामग्री का इस्तेमाल आफ नहीं कर सकते हैं।
कांवड़ को सिर पर रखना भी वर्जित है। आप बिना स्नान किए कांवड़ नहीं उठा सकते हैं, किसी भी चमड़े की वस्तु शरीर के साथ नहीं होनी चाहिए। किसी पेड़ के नीचे भी आप कांवड़ को नहीं रख सकते हैं।
यात्रा पूरी होने तक तामसिक भोजन जैसे कि मदिरा-मांस इत्यादि आप नहीं खा-पी सकते हैं। यदि शौच या विश्राम केलिए आप कहीं रुकते हैं तो कांवड़ को आप जमीन पर नहीं रख सकते हैं। इसे आपको किसी पेड़ या किसी भी ऊंची जगह पर लटकाना पड़ता है।