धर्म डेस्क: साल में 3 बार तीज का त्योहार मनाया जाता है। पहली हरितालिका ती, दूसरी हरियाली तीज और तीसरी कजरी तीज। भादो मास के कृष्ण फक्ष की तृतीया को मनाई जाने वाली तीज को कजरी तीज के नाम से जाना जाता है। इस बूढ़ी जी, सातूड़ी तीज जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस बार कजरी तीज 29 अगस्त, बुधवार को पड़ रही है। यह त्योहार मुख्यरुप से उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान आति में मनाया जाता है।
यह तीज शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन को अच्छा रखने के लिए करती है। इसके साथ ही माना जाता है कि अगर किसी लड़की की शादी में देरी या फिर कोई न कोई बाधा आ रही है तो इस व्रत को जरुर रखें। उसका विवाह जल्द हो जाएगा। साथ ही सुयोग्य वर की प्राप्ति
होगी।
कजरी तीज के दिन भगवान शिव और मं पार्वती की पूजा का विधान है। इस दिन इनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। (Janmashtami 2018: जानिए कब है जन्माष्टमी, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा)
कजरी तीज का शुभ मुहूर्त
28 अगस्त, 2018: रात 8 बजकर 41 मिनट 26 सेकंड से आरम्भ
29 अगस्त, 2018: रात 9 बजकर 40 मिनट 13 सेंकड को समाप्त।
ऐसे मनाते है कजरी तीज
यह व्रत पूरे दिन व्रत रखते हैं और शाम को चंद्रोदय के बाद व्रत खोला जाता है। कजरी तीज के दिन जौ, गेहूं, चने और चावल के सत्तू में घी और मेवा मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाये जाते हैं। चंद्रोदय के बाद भोजन करके व्रत तोड़ा जाता है।
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