इस मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक होने के कारण यहां पर विदेशों से भी चप्पले आती है। यहां आने वाले कुछ लोग विदेश में बस गए है। पुजारी के अनुसार मां के दरबार में पेरिस, सिंगापुर से भी चप्पले आती है। यह चप्पले एक दिन रखने के बाद भक्तों को बांट दी जाती है। इतना ही नहीं कि सिर्फ यहां पर चप्पले ही नहीं चढती बल्कि गर्मियों के मौसम में चश्में, टोपी और घड़ी भी चढाते है।
माता की की देखभाल एक बेटी की तरह की जाती है। अगर हमें आभास हो जाता है कि माता खुश नहीं है तो 2-3 घंटे में उनके कपड़े बदल दिए जाते है।
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