धर्म डेस्क: फाल्गुन कृष्ण अष्टमी को जानकी जयंती पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू पंचाग के अनुसार 8 फरवरी को जानकी जयंती मनाई जाएगी। मां लक्ष्मी का अवतार जानकी यानी की मां सीता की पूजा की जाती है। मां सीता को इन रुपों के अलावा वसुंदरा के नाम से बी जाना जाता है, क्योंकि उनका उत्पत्ति धरती से हुई थी। वाल्मीकि रामायण के अनुसार राजा जनक ने उन्हें अपनी पुत्री के रुप में स्वीकार किया था और बाद में भगवान राम से उनका स्वयंवर हुआ था। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और कथा के बारें में।
शुभ मुहूर्त
8 फरवरी को शाम 3 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 30 मिनट तक
ऐसे करें पूजा
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद मां की आराधना करें और व्रत का संकल्प करें। इसकेो बाद एक चौकी पर सीताराम सहित जानकी, माता सुनयना, कुल पुरोहित शतानंदजी, हल और माता पृथ्वी की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करके उनकी पूजा करनी चाहिए।
सबसे पहले भगवान गणेश और माता अंबिका की पूजा करें। इसके बाद मां जानकी की पूजा करें। देवी को पुष्प, वस्त्र, गंध, सिंदूर आदि अर्पित करना लाभदायक माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार का सामान भेंट करना शुभ माना जाता है। श्री जानकी रामाभ्यां नमः मंत्र का 108 बार जाप करना लाभदायक माना जाता है।
इस दिन मां जानकी की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से हर मनोकामना पूर्ण होगी। इसे साथ ही विवाह संबंधी समस्याओं से बी निजात मिलेगा।
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