सिंहस्थ कुंभ: साधुओं की धुनी के बारें में जानें ये रोचक तथ्य
इनसे जुड़ी कई ऐसी चीजे होती है। जो कि हमारे लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। इन्ही चीजों में एक चीज है। इनके द्वारा जलाई गई धुनी..
हेल्थ डेस्क: हिंदू धर्म में साधुओं का एक विशेष महत्व है। इन्ही में से उनका पहनावा ही उनके बारें में बता देता है कि वह किस तरह के साधु-संत है। इनको वेश-भूषा एक साधारण इंसान से बिल्कुल अलग होती है।
ये भी पढ़े-
- तिरुपति बालाजी मंदिर के बारें में ये 10 रहस्य जान चौंक जाएंगे आप
- ये 6 आदतें राजा को भी रंक बना देती है, जानिए
ऐसे साधु होते है जो अपने शरीर में भस्म, जटाएं, कानों में कुंडल, गले में रुद्राक्ष का माला और कुछ तो अर्धनग्न और हाथ में चिमटा, त्रिशुल और कंमडल लिए रहते है। इन्हे साधु बनने में कई साल लग जाते है। जिसके बाद ही वह सिद्ध साधु कहला पाते है।
इनसे जुड़ी कई ऐसी चीजे होती है। जो कि हमारे लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। इन्ही चीजों में एक चीज है। इनके द्वारा जलाई गई धुनी। जो कि साधुओं के जीवन का एक अंग है। लेकिन आप जानते है कि साधुओं के द्वारा जलाई गई धुनी के पीछे कितनी रोचक तथ्य छिपें हुए है।
कुछ ही दिनों बाद अप्रैल-मई में उज्जैन में सिंहस्थ मेला आयोजित होगा। जिसमें दूर-दूर से साधु, नागा साधु का उज्जैन आना का सिलसिला शुरु हो गया है। आप यहां पर भी साधुओं को धुनी लगाएं देखेगे। आज हम आपको अपनी खबर में धुनी के बारें में कुछ रोचक तथ्य बताएगें। जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित हो जाएगे।
- आपने देखा होगा कि नागा साधु कहीं भी जाते है तो वह सबसे पहले धुनी जलाते है। अगर वो कहीं य़ात्रा में निकले है तो वह धुनी नहीं जलाते है।
- जब भी आप धुनी देखते होगे तो दिमाग में आता होगा कि यह तो साधारण सी धुनी है, लेकिन हम आपको बता दे कि साधुओं के द्वारा जलाई गई धुनी साधारण न होकर शुभ मुहूर्त में सिद्ध मंत्रों से जलाई जाती है।
- कभी भी हर साधु यह धुनी अकेले नहीं जला सकता है। इसे जलाने के लिए उसके गुरु का होना बहुत ही जरुरी होता है।
अगली स्लाइड में पढ़े और रोचक तथ्यों के बारें में