- अघोरी कभी-कभी इंसान की खोपड़ी का इस्तेमाल एक बर्तन की तरह भी कर लेते है।
- अघोरियों को किसी भी मौसम का कोई फर्क नही पडता है। यह नंगे इसी तरह घूमते और साधना करते रहते है। यह श्मशान में मौजूद किसी भी शव की राख को अपने शरीर में मल लेते है। जिस तरह भगवान शिव अपने शरीर में भस्म लगाते है। माना जाता है कि इसान का शरीर मांच तत्व से मिलकर बना होता है। जो राख के रूप में ये लगाकर बीमारियों से अपनी रक्षा करते है।
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