नई दिल्ली: नरक चतुर्दशी का त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी को यानि कि दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन प्रातः काल स्नान करके यम तर्पण एवं शाम के समय दीप दान का अधिक महत्व है।
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धर्म ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। साथ ही नरकासुर ने जो 16 हजार कन्याओं को बंदी करा था। उन्हें आजाज कराया था।
इन बंदी कन्याओं ने श्री कृष्ण से कहा कि अब यह समाज हमें स्वीकार नही करेगा। इसलिए आप ही कोई उपाय बताएं। जब श्री कृष्ण ने सत्यभामा की मदद से सभी कन्याओं से विवाह कर लिया।
नरकासुर का वध और 16 हजार कन्याओं के बंधन से मुक्त होने के कारण इसे नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। इसी के साथ दीपदान की परंपरा भी शुरू हुई। इस दिन हमें आलस्य और पाप को छोडना चाहिए। इस दिन लक्ष्मी की कृपा भी आपके ऊपर बरसती है। बस आपको मां लक्ष्मी की कृपा पानें के लिए उपायों को अपनाएं। जानिए इन उपायों के बारें में।
- नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व अठ जाना चाहिए फिर नित्य कामों से निवृत्त होकर तिल के तेल से शरीर का मालिश करें। इसके बाद स्नान करें।
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