कहते हैं अगर पत्नी सुघड़ हो तो घर स्वर्ग बन जाता है और अगर फ़ूहड़ हो तो वही घर नर्क बन जाता है। इसलिये शादी करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रुरी है।
वैसे तो प्रकृति ने स्त्री के भीतर कोमलता, सौम्यता और ममत्व के भाव कूट-कूटकर भरे हैं, ये सब भावनाएं हर महिला में समान रूप से देखी भी जाती हैं लेकिन जिस तरह हाथों की पांचों अंगुलियां बराबर नहीं होतीं, उसी तरह हर स्त्री प्यार का सागर हो यह भी ज़रूरी नहीं है। हम यहां बताने जा रहे हैं किस तरह की स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए। हम यहां ये भी स्पष्ट कर दें कि हम स्त्री को शुभ या अशुभ की श्रेणी में नहीं बांट कर रहे हैं जिससे स्त्री की गरिमा का हनन हो। यह एक सामान्य लेख है जिस पर विश्वास करना या ना करना आपकी पर निर्भर है।
परिवार की नाक
हमारा समाज स्त्री को परिवार की नाक यानी इज़्ज़त मानता है और परिवार और कुल के नाम पर कोई आंच ना आए इसकी ज़िम्मेवारी भी बहुत हद तक स्त्री को ही यह सौंपी जाती है।
कुल की लाज
जिस तरह महिलाएं कुल की लाज बचाने का काम करती हैं, अपने नैतिक और सामाजिक आचरण को पवित्र रखती हैं वहीं कुछ स्त्रियां ऐसी भी होती हैं जिनके कृत्य कुल के विनाश का कारण बनते हैं। ऐसी स्त्रियों को सामाजिक भाषा में कुलक्षिणी कहा जाता है।
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