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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र साल 2017: सिंह राशि वालों के लिए कुछ ऐसा रहेगा नया साल

साल 2017: सिंह राशि वालों के लिए कुछ ऐसा रहेगा नया साल

सिंह राशि का स्वामी सूर्य सभी ग्रहों में राजा माना गया है। इसलिए आपके भीतर हर जगह सर्वोपरि रहने की आदत पाई जाती है। आपको स्वतंत्र व स्वच्छंद रहने की आदत होती है और इसलिए आप कुछ जिद्दी, घमंडी तथा अहंकारी हो सकते हैं। आपके भीतर लचीलेपन का अभाव हो सकता

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धर्म डेस्क: सिंह राशि का स्वामी सूर्य सभी ग्रहों में राजा माना गया है। इसलिए आपके भीतर हर जगह सर्वोपरि रहने की आदत पाई जाती है। आपको स्वतंत्र व स्वच्छंद रहने की आदत होती है और इसलिए आप कुछ जिद्दी, घमंडी तथा अहंकारी हो सकते हैं। आपके भीतर लचीलेपन का अभाव हो सकता है। कुछ बातों में आप में आलस्य भी देखा जा सकता है और आप हर किसी से बात करना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं और आत्मकेन्द्रित रहते हैं।

आप वास्तविकता से मुंह मोड़कर चलते हैं और मुश्किलों से सामना करना  अरुचिकर लगता है। इस राशि वालों के लिए उपयुक्त व्यवसाय सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, वकील, प्रोफेसर, इंजीनियर, व्यापार और संस्था के प्रमुख के रूप में और दवाओं से संबंधित हो सकता है।  आप दार्शनिक व्यक्ति होते हैं, साहित्य और ललित कला के प्रति विशेष रूचि रखते हैं। आपको कलाकृतियों के संग्रह का शौक रहता है।

करियर का स्थानादिपति अपने स्थान से दसवें भाग में बैठा है। जन पत्रिका में दसवां स्थान कन्या का होता है। कोई ग्रह जिस घर का स्वामी हो अगर वहां से उतनी ही दूरी पर बैठ जाएं तो विशेष शुभ हो जाता है।

हालांकि वर्ष प्रवेश के समय शुक्र-केतु और मंगल के साथ पीड़ित लेकिन जयमिनि के नियमों के अनुसार मुदित होकर 7.53 रशिमिया लेकर 41 प्रतिशत बलवान है। जबकि मंगल का बल 58 प्रतिशत और केतु का बल 8 प्रतिशत है। इसका मतलब ये है कि कठोर संर्घर्श, भीशण बैक-बाइटिंग आदि के बावजूद आप अपना करियर बेहतर बनाने में सफल रहेंगे।

9 सितम्बर को राहु बारहवें और केतु छठे खाने में जाएंगे। उस समय आपको अपने सभी महत्तवपूर्ण कामों में विरोधियों से सावधान रहने और दुश्ट लोगों से बचने की विशेष आवश्यकता होगी। परेशानी और हानि से बचने के लिए सावधानी रखने के अलावा श्रीगणेश के दर्शन-पूजन करने और आफिस में हाथी की मूर्ति रखने से फायदा होगा।  
 
फाइनेंशियल कंडीशन के लिहाज कैसे रहेगा आपका नया साल

वर्ष प्रवेश के समय धन देने वाले देव गुरू बृहस्पति धन के खाने में ही बैठे है। यह बड़ी अच्छी बात है। यह आपके धन के कोठारे दोनों हाथों से भरेंगें। लेकिन ये गुरू महाराज 6 फरवरी की दोपहर को वक्री हो जाएंगे और 9 जून तक वक्री रहेंगे। तब ये उल्टा असर करने लगेंगे और 9 जून को गर्मी होंगी और 13 सितम्बर तक यही रहेंगे। उस समय फिर ये अच्छा पैसा देंगे।

जिन लोगो के जन्म के समय बहृस्पति वक्री हो उन लोगों को बृहस्पति की वक्री गति के समय विषेश लाभ होगा। कोष संचित हो जाएगा। लेकिन सितारे और भी है। 9 सितम्बर को राहु के कर्क राशि में जाते ही हानि और अचानक धन का अपव्यय होगा।

समय की जरूरत को देखते हुए स्वार्थ साधन की प्रवृत्ति बढ़ेगी। इससे घबराए नहीं यह आपके वक्त की जरूरत है। इस समय न केवल आपको पंजी की कमी का सामना करना होगा बल्कि संचित पंजी का एक भाग खर्च करना पड़ सकता है।

प्रेम संबंधों के लिए कैसे रहेगा साल
इस मामले में आपकों विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वर्ष प्रवेश के समय केतु आपके सप्तम भाव में है। केतु जहां बैठता है उसे काटता है। सप्तम स्थान जीवन साथी का है। ये आपको जीवन साथी से काटने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। केतु के दान उपचर करना श्रेयस्कर है । इसके अलावा सोने पर सुहागा ये है कि धरती-पुत्र मंगल भी वहीं विराजमान है। मंगल जहां बैठता है, जिसे देखता है, उसे जला देता है।

सप्तम स्थान जीवन साथी का है। मंगल उसे जला रहा है। मंगल की दृष्टि चौथे सांतवें आठवे और बारहवे घर पर भी होती है। यानि मंगल करियर को, शरीर, धन और शत्रुओं को भी नुकसान पहुंचा रहा है। 9 सितंबर को राहु बारहवें खाने में पहुंचेगा, बारहवां खाना शैय्या सुख का है। राहु उसे हानि पहुंचाने की चेष्टा करेगा। यह स्थिति भी ठीक नहीं है। भैरव नाथ के दर्शन-पूजन करने चाहिए।

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