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हेल्थ और फिटनेस के लिहाज से कैसे रहेगा साल
साल की शुरूआत में यानि 26 जनवरी को शनि की दृष्टि से मुक्ति पाकर आपका स्वास्थ्य चैन की सांस लेगा। लेकिन 21 जून से 25 अगस्त तक शनि वर्की गति से वृश्चिक राशि में गोचर करेगा। इस समय स्वास्थ्य का विषेश ध्यान रखना होगा। बृहस्पति की दृष्टि 13 सितम्बर तक शनि की पीड़ा से आराम दिलाती रहेगी। पिता के स्वास्थ्य के लिए समय ठीक नहीं रहेगा। वर्ष प्रवेश के समय आपके स्वास्थ्य और रोग का मालिक शुक्रकुयोग कहलाता है, लेकिन सौभाग्य से मंगल चलित चक्र में आगे जा रहा है।
दूसरी बात ये है कि केतु शुक्र की बलि ले लेता है। लेकिन जन्म के समय केतु का बल 11% है और 7.51 राशिमाया लेकर शुक्र के पास 41% का बल है। यानि केतु शुक्र की बलि नहीं ले पायेगा। लब्बो-लुआब ये है कि छोटी-मोटी एलर्जी और स्कीन की समस्या के साथ बड़े-बड़े स्वास्थ्य संकट टल जाएंगे।
एजूकेशन
वर्ष प्रवेश के समय शिक्षा के स्थान पर बृहस्पति देव विराजमान है। बृहस्पति पंचम स्थान का कारक है। लेकिन ये पंचम स्थान से जितना दूर रहे, उतना ही अच्छा है। वैसे भी 'स्थानहानिकरों जीव' यानि बृहस्पति स्थान की हानि करता है। जहां बैठता है उस जगह का नुकसान करता है। पंचम स्थान पर बैठकर सबसे ज्यादा नुकसान करता है।
लिहाजा वृष राशि वालों को वर्ष प्रवेश के साथ ही विद्या संबंधी संकट दिखाई दे रहे है। सातवें घर में बैठे शनि की शुभ दृष्टि पांचवे घर में बैठे बृहस्पति पर पड़ रही है। जो बृहस्पति के दुष्प्रभावों को कम करेगी। 27 जनवरी से मीन राशि में आकर शुक्राचार्य भी गुरू के अशुभ प्रभावों का शमन करेंगे। कुल मिलाकर वृष राशि वालों को साल भर शिक्षा के क्षेत्र में कुछ न कुछ मद्द हासिल होती रहेगी।
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