Holika Dahan 2019: जानें आखिर क्यों होलिका में जलाएं जाते है गोबर के उपले?
Holika Dahan 2019: होलिका दहन के समय लकड़ी के साथ-साथ अधिक मात्रा में उपलों का इस्तेमाल किया था, लेकिन आपने क्या कभी सोचा कि आखिर ऐसा क्यों है। उपलों का इस्तेमाल करना क्यों अच्छा माना जाता है।
Holika Dahan 2019: होली के दिन यानी 20 मार्च की शाम 04:17 तक सारे काम बनाने वाला रवि योग रहेगा। साथ ही सुबह 10:45 से शाम 04:17 तक राज योग भी रहेगा। ये योग धार्मिक कार्यों के लिये अच्छा माना जाता है।
होलिका दहन के मुहूर्त के बारे में बता दें इस दिन होलिका दहन रात 08 बजकर 59 मिनट के बाद किया जायेगा। क्योंकि उससे पहले पृथ्वी लोक की भद्रा रहेगी और पृथ्वी लोक की भद्रा के दौरान शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। बता दूं कि आज सुबह 10:45 से लेकर रात 08:59 तक सिंह राशि की भद्रा रहेगी और कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि की भद्रा पृथ्वी लोक की भद्रा कहलाती है। अतः आज रात 08 बजकर 59 मिनट के बाद ही होलिका दहन करना अच्छा होगा।
होलिका दहन के समय लकड़ी के साथ-साथ अधिक मात्रा में उपलों का इस्तेमाल किया था, लेकिन आपने क्या कभी सोचा कि आखिर ऐसा क्यों है। उपलों का इस्तेमाल करना क्यों अच्छा माना जाता है।
इस कारण अच्छे होते है गोबर के उपले
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज के दिन लकड़ियों के ढेर के साथ ही गोबर के उपले या कंडे जलाने की भी प्रथा है। यहां गौर करने की बात ये है कि हमारे शास्त्रों में या हमारी परम्पराओं में हर चीज़ बड़ी ही सोच-समझकर बनायी गयी है। इन सबसे हमें कहीं-न-कहीं फायदा जरूर होता है। इसी तरह से आज के दिन गोबर के उपलों को जलाने के पीछे भी हमारी ही भलाई छिपी हुई है। दरअसल इस समय ये जो मौसम चल रहा है, इसमें वायुमंडल की स्थिति कुछ ऐसी होती है कि इसमें आस-पास बहुत से कीटाणु पनपने लगते हैं और ये कीटाणु डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से हमारी सेहत को इफेक्ट करते हैं और गोबर के अंदर कुछ ऐसी प्रॉपर्टीज़ होती हैं, जिससे उन्हें जलाने पर हमारे आस-पास मौजूद कीटाणु मर जाते हैं, साथ ही हमारी सेहत भी अच्छी होती है।
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