धर्म डेस्क: धार्मिक नगरी उज्जैन के बारें में कौन नहीं जानता है। यहां ऐसे-ऐसे देव स्थान जिनके दर्शन करने मात्र से हर समस्या, मनोंकामना पूर्ण हो जाती है। अगर उज्जैन का नाम सुना हो और राजा विक्रमादित्य के बारें में न सुना हो ऐसा हो ही नहीं सकता है।
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एक ऐसा राजा जो अपने न्याय के कारण पूरे विश्व में माना और जाना जाता है। विक्रमादित्य अपने चमत्कारों के कारण भी जाने जाते है। वह मां दुर्गा के बहुत ही बड़े भक्त थे। लेकिन आप ये बात नहीं जानते होगे कि मां का ऐसा मंदिर था जहां पर राजा अपना सिर मां के चरणों में अर्पण करते थे। जी हां चौक गए न लेकिन ये सच है। 52 शक्तिपीठों में एक मानी जाने वाली मां हरसिद्धि देवी।
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित हरसिद्धि देवी का मंदिर देश की शक्तिपीठों में से एक है। यह वह देवी हैं जो राजा विक्रमादित्य की आराध्य थीं और राजा अमावस की रात को विशेष पूजा अनुष्ठान कर अपना सिर चढ़ाते थे, मगर हर बार देवी उनके सिर को जोड़ देती थीं।
मान्यता है कि सती के अंग जिन 52 स्थानों पर अंग गिरे थे, वे स्थान शक्तिपीठ में बदल गए और उन स्थानों पर नवरात्र के मौके पर आराधना का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि सती की कोहनी उज्जैन में जिस स्थान पर गिरी थी, वह हरसिद्धि शक्तिपीठ के तौर पर पहचानी जाती है।
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