Hariyali Teej 2018: महिलाओं के लिए बेहद खास है हरियाली तीज, जानें शभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा
हरियाली तीज हर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए कई मायनों में खास है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा व्रत त्योहार माना जाता है। आज हम आपको बताएंगे शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा...
धर्म डेस्क: हरियाली तीज हर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए कई मायनों में खास है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा व्रत त्योहार माना जाता है। आज हम आपको बताएंगे शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा... यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा व्रत त्योहार माना जाता है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला और निराहार रहकर ये व्रत करती हैं। वहीं कुवांरी लड़कियों के लिए भी ये व्रत बड़ा खास माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि कुवांरी लड़कियां अगर इस व्रत को करें तो उन्हें भगवान शिव जैसा पति मिलता है। वण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 13 अगस्त 2018 को पड़ रही है। इस पर्व को भगवान शिव और मां पार्वती के पुनर्मिलन के रूप में मनाया जाता है। (Surya Grahan 2018: सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा अशुभ प्रभाव पड़ेगा इन राशियों पर, बचने के लिए ये करें काम )
शुभ मुहूर्त
13 अगस्त, सोमवार सुबह 08:36 से प्रारंभ होगा और 14 तारीख प्रातः 05 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगा।
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
बेल पत्र , केले के पत्ते, धतूरा, अंकव पेड़ के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, काले रंग की गीली मिट्टी, जनैव, धागा और नए वस्त्र।
पार्वती जी के श्रृंगार के लिए जरूरी सामग्री
चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग पूड़ा, कुमकुम, कंघी, सुहागिन के श्रृंगार की चीज़ें।
इसके अलावा श्रीफल, कलश,अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत आदि।
हरियाली तीज में ऐसे करें पूजा
तीज के इस व्रत को महिलाएं बिना कुछ खाए-पीए रहती है। इस व्रत में पूजन रात भर किया जाता है। इस पूजन में बालू के भगवान शंकर व माता पार्वती का मूर्ति बनाकर किया जाता है और एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है।
ध्यान रहें कि प्रतिमा बनातें समय भगवान का स्मरण करते रहे और पूजा करते रहे। पूजन-पाठ के बाद महिलाएं रात भर भजन-कीर्तन करती है और हर प्रहर को इनकी पूजा करते हुए बिल्व-पत्र, आम के पत्ते, चंपक के पत्ते एवं केवड़ा अर्पण करने चाहिए और आरती करनी चाहिए। साथ में इन मंत्रों बोलना चाहिए। (Sawan Month 2018: जानिए बेलपत्र तोड़ने और शिवलिंग में चढ़ाने का सही तरीका )
जब माता पार्वती की पूजा कर रहे हो तब-
ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:
भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करना चाहिए
ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:
कहा जाता है कि हरियाली तीज के दिन पूजा-पाठ करके व्रत कथा सुनना बहुत ही शुभ होता है। आपकी मराद पूरी होती है। व्रत कथा के साथ और भी बातें जानने के लिए देखें वीडियो..