Guru Purima 2019: आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन का बहुत ही अधिक महत्व होता है। कहते हैं गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) से लेकर अगले चार महीने अध्ययन के लिये बड़े ही उपयुक्त माने जाते हैं। साधु-संत भी इस दौरान एक स्थान पर रहकर। इस बार गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई, मंगलवार को पड़ रही है। हिंदू धर्म के अनुसार इसे गुरु को देवता के सामान माना जाता है। गुरु में हमेशा ब्रह्मा, विष्णु और महेश मानकर पूजा की जाती है।
गुरु पूर्णिमा मनाने का कारण वेद व्यास को पूरी मनुष्य जगत का गुरु माना जाता है। जिन्होंने वेद, उपनिषद और पुराणों को प्रणयन किया है। महर्षि वेदव्यास का जन्म भी आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 वर्ष पूर्व हुआ था। जिसके कारण ही हर साल गुरु पूर्णिमा के तौर में इसे मनाया जाता है। इस दिन उनके द्वारा रचित ग्रथों और इनकी तस्वीर की पूजा-अर्चना की जाती है।
सबसे पहले गुरु पुरुणों के अनुसार, भगवान शिव ही पहले गुरु माने जाते है। शनि और परशुराम के साथ उनके 5 और शिष्य थे। जो आगे चलकर सात महर्षि के नाम से जाने जाते है। जिन्होंने शिव के ज्ञान को आगे तक पहुचांया। शिव जी ही थे जिन्होंने धरती में सभ्यता और धर्म को लेकर प्रचार किया। जिसके कारण ही उन्हें आदिगुरु के नाम से पुकारा जाता है।