सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने ताउम्र समाज की बुराई मिटाने की कोशिश की। उनके विचार समाज की सेवा करने के लिए एवं बेहतर संसार सुनिश्चित करने के लिए सभी को प्रेरित करते रहे, जो आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक है। आज का दिन सिख धर्म के लिए बेहद खास है। इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
सिखों के पहले गुरु का जन्म ननकाना साहिब में हुआ था। उन्होंने हमेशा अपने प्रवचनों में जातिवाद को मिटाने, सच्चाई के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया। आइये पढ़ते हैं उनके कुछ सुविचार...
- अहंकार कभी भी इंसान को इंसान बनकर रहने नहीं देता, इसलिए कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। विनम्र होकर सेवाभाव से जीवन गुजारना चाहिए।
- आप जो भी कर्म करते हैं, उसका फल आपको जरूर मिलता है।
- जिसे खुद पर विश्वास नहीं है, वो कभी भगवान पर विश्वास कर ही नहीं सकता।
- भले ही उसे कई नामों से पुकारते हैं, लेकिन वास्तव में ईश्वर एक है।
- किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए, बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।
- कभी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए। जो व्यक्ति दूसरों का हक छीनता है, उसे कभी भी सम्मान नहीं मिलता है।
- जरुरतमंदों की मदद करें। दूसरों के साथ हमेशा ईमानदार रहें।
- सिर्फ वही शब्द बोलने चाहिए, जो हमें सम्मान दिलाते हों।
- भगवान उन्हें ही मिलते हैं, जो प्रेम से भरे हुए हैं। इसलिए हमेशा प्रेमभाव से रहना चाहिए।
- बुरा काम करने के बारे में न सोचें और न ही किसी को सताएं।
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