धर्म डेस्क: गुड़ी पड़वा को हिन्दू नववर्ष, वर्ष प्रतिपदा, उगादि, नवसंवत्सर और युगादि भी कहा जाता है। इस साल 18 मार्च, रविवार को चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा है। माना जाता है कि गुड़ी पाड़वा के दिन विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ करने से आपको हर साल किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
गुड़ी पाड़वा को कई नामों से जाना जाता है। गोवा और केरल में कोंकणी समुदाय इसे ‘संवत्सर पड़वो’ के नाम से मनाता है। कर्नाटक में गुडी पड़वा को युगाड़ी पर्व के नाम से मनाया जाता है। आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना में इसे उगाड़ी नाम से मनाते हैं। कश्मीरी हिंदु इस दिन को ‘नवरेह’ के तौर पर मनाते हैं वहीं मणिपुर में इस दिन को सजिबु नोंगमा पानबा या मेइतेई चेइराओबा के नाम से सेलिब्रेट किया जाता है। जानिए इस दिन कौन से काम करना होता है शुभ।
इस दिन करें ये काम
- इस दिन आपको अपने घर को ध्वज, पताका, वंदनवार आदि से सजाना चाहिए। साथ ही आपको नए कपड़े पहनने चाहिए।
- अगर आप चाहते है कि हमेशा आप आरोग्य रहे तो उसके लिए इस दिन नीम के कोमल पत्तों, पुष्पों का चूर्ण बनाकर उसमें काली मिर्च, नमक, हींग, जीरा, मिश्री और अजवाइन डालकर खाना चाहिए।
- इस दिन नवरात्रि के लिए घटस्थापना और तिलक व्रत भी किया जाता है। इस व्रत में यथासंभव नदी, सरोवर अथवा घर पर स्नान करके संवत्सर की मूर्ति बनाकर उसका चैत्राय नमः, वसंताय नमः आदि नाम मंत्रों से पूजन करना चाहिए। इसके बाद पूजन अर्चना करना चाहिए। साथ ही पूरे नौ दिन विधि-विधान के साथ पूजा और उद्यापन करना चाहिए।
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