इस बार गुड़ी पाड़वा 2 दिन, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
स बार चैत्र नवरात्र में रामनवमी की तरह गुड़ी पड़वा दो अलग-अलग दिन मनाया जाएगा। महाराष्ट्रीयन समाज अपने पंचाग के अनुसार 28 मार्च को यह पर्व मनाएगा। वहीं बाकी हिंदू नववर्ष 29 मार्च को मनाएंगे...
धर्म डेस्क: इस बार चैत्र नवरात्र में रामनवमी की तरह गुड़ी पड़वा दो अलग-अलग दिन मनाया जाएगा। महाराष्ट्रीयन समाज अपने पंचाग के अनुसार 28 मार्च को यह पर्व मनाएगा। वहीं बाकी हिंदू नववर्ष 29 मार्च को मनाएंगे। तिथियों तथा अमावस्या समाप्ति, प्रतिपदा पर अलग-अलग समय की मान्यता के कारण ऐसा हो रहा है। हालांकि गुड़ी पड़वा का दिन अलग-अलग मानने वाले आठ दिन की नवरात्रि मना रहे है। पंचांगों की अलग-अलग गणना के कारण रामनवमी भी इस बार दो दिन मनाई जाएगी।
ये भी पढ़े
- 27 मार्च से 2 अप्रैल: बुध कर रहा राशिपरिवर्तन, इन राशियों को मिलेगा लाभ
- चैत्र नवरात्र: भूलकर भी जाप करते समय न करें ये गलतियां
- चैत्र नवरात्र: इस बार 9 नहीं 8 दिन के होगे नवरात्र, किस दिन करें कौन-सी देवी की पूजा, जानिए
पंडितो के अनुसार यदि 28 को हिंदू नववर्ष शुरू हुआ तो वर्ष का राजा मंगल होगा। 29 को शुरुआत मानी गई तो वर्ष का राजा बुध होगा। गुड़ी पड़वा से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। पारंपरिक पंचांग को आधार मानने वाले लोग 29 को गुड़ी पड़वा मनाएंगे।
माना जाता है कि गुड़ी पाड़वा के दिन विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ करने से आपको गर साल किसी भी चीज की कमी नहीं होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। अगर आप चाहते है कि आपका यह साल शांति और सुख-समृद्धि के साथ बीतें तो इस दिन इस तरह पूजा करें। जिससे हर देवी-देवता की कृपा आप पर बनी रहें।
ऐसे करें पूजा
इस दिन ब्रह्म मूहूर्त में उठकर नित्य कामों से निवृत्त होकर अपने शरीर पर बेसन और तेल का उबटन लगाकर स्नान आदि से शुद्ध एवं पवित्र होकर हाथ में गंध, अक्षत, पुष्प और जल लेकर भगवान ब्रह्मा के मंत्रों का उच्चारण करके पूजा करने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
पूजन का शुभ संकल्प कर एक चौकी या बालू की वेदी का निर्मोण कर उसमें साफ सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर हल्दी या केसर से रंगे अक्षत से अष्टदल कमल बनाकर उस पर ब्रह्माजी की सुवर्णमूर्ति स्थापित करें। इसके बाद गणेशाम्बिका की पूजा करें और फिर इस मंत्र का जाप करें। ऊं ब्रह्मणे नमः।
अगली स्लाइड में पढ़े शुभ मुहूर्त के बारें में