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जानें, कौन थे लाखों लोगों की जिंदगी में रोशनी भरने वाले डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी

लाखों लोगों की जिंदगी में रोशनी लाने वाले महान व्यक्ति नेत्र चिकित्सक डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी(Dr. Govindappa Venkataswamy) की आज जयंती है।

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नई दिल्ली: लाखों लोगों की जिंदगी में रोशनी लाने वाले महान व्यक्ति नेत्र चिकित्सक डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी(Dr. Govindappa Venkataswamy) की आज जयंती है। इस खास अवसर पर आज गूगल ने डूडल के जरिए इस महान शख्सियत की आज 100वीं जयंती है। गूगल ने आज डूडल के माध्यम से यानी आज 1 अक्टूबर को अपना Google Doodle महान नेत्र चिकित्सक डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी को समर्पित किया। आपको बता दें कि 1 अक्टूबर 1918 को तमिलनाडु के वडमालापुरम में जन्मे डॉ. वेंकटस्वामी ने अपना पूरा जीवन अंधेपन की बीमारी से ग्रसित लोगों की मदद करने में लगा दिया। वेंकटस्वामी के करीबी लोग उन्हें डॉ वी. के नाम से बुलाते थे। 

Dr. Govindappa Venkataswamy ने मदुरै के अमेरिकन कॉलेज से केमेस्ट्री में ग्रैजुएशन की। 1944 में उन्हें मद्रास के स्टैनली मेडिकल कॉलेज से मेडिकल डिग्री ली। 1945 से 1948 तक उन्होंने भारतीय सेना में फिजिशियन के तौर पर काम किया। 30 साल की उम्र में उन्हें रूमेटॉइड अर्थराइट (गठिया) की बीमारी हो गई। इसके बाद उन्होंने नेत्र चिकित्सा का अध्ययन किया और अपने जीवनकाल में 1 लाख से अधिक लोगों की आंखों की सर्जरी की। आज के गूगल डूडल में गूगल ने अपने होम पेज पर डॉ. वी. का फोटो लगाया है। इस पर क्लिक करने पर डॉ. वी. से जुड़ी स्टोरीज का पेज खुल जाता है। 

1976 में 58 साल की उम्र में डॉ. वी. ने Aravind Eye Hospital की नींव रखी। यह आंखों का इलाज करने वाले अस्पतालों की विश्व की सबसे बड़ी श्रृंखला है। उनके अस्पताल में नेत्रहीन या अंधेपन की बीमारी से ग्रसित लोगों का बहुत ही कम खर्च पर इलाज किया जाता है। डॉ. वी. अरविंद आई हॉस्पिटल्स के फाउंडर और पूर्व चेयरमैन थे। समाज के लिए किए गए उनके कामों को लेकर भारत सरकार ने उन्हें 1973 में भारत का चौथा सबसे बड़ा सम्मान पद्मश्री दिया। उन्होंने शादी नहीं की और वह पूरी जिंदगी अपने छोटे भाई जी श्रीनिवासन के साथ रहे। 7 जुलाई को 2006 को 87 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। 

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