कुछ महीने पहले मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को 'बर्थडे केक प्रसादम' देने का चलन भी शुरू किया गया है। इस बारें में श्रीधर बताते हैं, 'हम श्रद्धालुओं का बर्थडे और पता अपने सिस्टम में दर्ज रखते हैं और उस दिन उनके यहां केक डिलिवर करते हैँ। बुजुर्गों को यह ट्रेंड बहुत पसंद आया है। चूंकि केक मंदिर से आता है इसलिए यह अपने आप खास हो जाता है।'
यहां रहने वाले 81 साल की सुब्बुलक्ष्मी शनिवार को उस वक्त हैरान रह गईं जब उन्हें केक का प्रसाद मिला। इस बारें में उन्होंने कहा कि यह मेरा पहला सरप्राइज केक था। यह बहुत खूबसूरत था, इसे फूलों से सजाया गया था। इसके साथ मोमबत्तियां नहीं बल्कि पारंपरिक दीप थो जो मुझे बहुत पसंद आया। यह बिल्कुल ऐसा ही था जैसे मंदिर में जलता दिया होता है।'
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