धर्म डेस्क: गणगौर पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा की जाती है। इन्हें ईसर-गौर भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है (ईश्वर-गौरी)। यह कुंवारी और नवविवाहित स्त्रियों का त्योहार है। इस बार यह पर्व 30 मार्च, गुरुवार को है।
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गणगौर तीज के एक दिन यानी की द्वितीया तिथि को कुंवारी और नवविवाहित स्त्रियां अपने द्वारा पूजी गई गणगौरों को किसी नदी, तालाब, सरोवर में पानी पिलाती है और दूसरे दिन शाम के समय विसर्जित कर देते है। यह व्रत कुवंरी कन्या मनभावन पति के लिए और विवाहिता अपने पति से अपार प्रेम पाने और अखंड सौभाग्य के लिए करती है।
इस दिन मां पार्वती की पूजा गणगौर माता के रुप में की जाती है। इसके साथ ही भगवान शिव की पूजा ईशरजी के रूप में की जाती है। अगर आप चाहती है कि आपको मनचाहार पति मिलें। इसके साथ ही पति को लंबी आयु मिले। इसके लिए गणगौर तीज को अपनाएं ये उपाय। इन उपायों को करने से होगी हर मनोकामना पूर्ण।
- देवी भागवत के अनुसार माता पार्वती का अभिषेक आम अथवा गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां संपत्ति और विद्या का वास रहता है।
- अगर आप बीमारियों से निजात पाना चाहते है, तो माता पार्वती को घी का भोग लगाएं और किसी को दान भी दें।
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