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फिर षोडशोपचार करें। धूप, दीप, नैवेद्य, पान का पत्ता, लाल वस्त्र तथा पुष्पादि अर्पित करें। इसके बाद मीठे मालपुओं तथा 11 या 21 लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए।
इस पूजा में संपूर्ण शिव परिवार- शिव, गौरी, नंदी तथा कार्तिकेय सहित सभी की षोडषोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए। पूजा के उपरांत सभी आवाहित देवी-देवताओं का विधि-विधानानुसार विसर्जन करना चाहिए परंतु लक्ष्मी जी व गणेश जी का नहीं करना चाहिए। गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद उन्हें अपने यहां लक्ष्मी जी के साथ ही रहने का आमंत्रण करें। यदि कोई कर्मकांडी यह पूजा सम्पन्न करवा रहा है तो उसका आशीष प्राप्त करें। सामान्यत: तुलसी के पत्ते छोड़कर सभी पत्र- पुष्प गणेश प्रतिमा पर चढ़ाए जा सकते हैं।
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