ऊं एकदन्ताय नम:
ऊं इभवक्त्राय नम:
ऊं मूषकवाहनाय नम:
ऊं कुमारगुरवे नम:
इसके बाद श्रीगणेश की आरती उतारें और घर में ही साफ बर्तन और शुद्ध जल में प्रतिमा का विसर्जन कर दें और यह मंत्र बोलें-
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
अब यह जल पवित्र वृक्षों की जड़ों में अर्पित कर दें।इससे आपके घर पर भगवान गणेश की हमेशा कृपा बनी रहेगा।
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