धर्म डेस्क: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन चंद्रमा दर्शन से कंलक लगने वाला होता है। ऐसा शास्त्रों में कहा जाता है। जिसके कारण कलंकी चंद्रमा से सामान्यतया दूरी बनाए जाने की बात कही जाती है, लेकिन इस कलंकी चांद से कुछ फायदा भी लिया जा सकता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 24 अगस्त 2017 को शाम में 8 बजकर 27 मिनट से आरम्भ होगी। इस तिथि की समाप्ति 25 अगस्त को शाम में 8 बजकर 31 मिनट तक होगी, लेकिन 8 बजकर 31 मिनट के बाद भी चन्द्रमा उदित रहेंगे, जो रात में 9 बजकर 20 मिनट में अस्त होंगा। मान्यताओं के अनुसार, जिन श्रद्धालुओं की चन्द्र-दर्शन निषेध में आस्था है, उन्हें 9 बजकर 20 मिनट को चन्द्रमा के दर्शन करना चाहिए।
जीवन में किसी तरह का कलंक लग गया है। अगर आपके दाम्पंत्य जीवन में शक का जहर घुल गया है, अगर जीवनसाथी को आपकी बेवफाई का यकीन हो गया है। अगर जॉब में
प्रथम दृष्टया अभियोग सही पाए जाने पर आपको चार्जशीट मिल गयी है या सजायाफ्ता हो गए हैं तो क्या उपाय करें कि आपकी अपील सुनी जाये। जानिए इस दिन कौन से उपाय करने से आपको लाभ मिलेगा।
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अच्छे दांपत्यं जीवन के लिए
एक मिट्टी की हांडी, जिसका मुंह कम से कम दो अंगुल चौड़ा हो, ज्यादा चौड़ा भी हो सकता है। उसे लेकर उसमें इमली के 6 कोयले डालें और इस हांडी में इतना दूध भरिए कि वो कोयले के टुकड़े दूध में डूब जाये। सूर्य़ास्त के पहले कोयले और दूध से भरी हांडी ले जाकर ऐसी जगह रख दें जहां से चांद की रोशनी इस पर पड़े।
इस हांड़ी को रात भर वहीं रखा रहने दें। अगले दिन सुबह उठकर किसी पत्थर पर अपना नाम लिखे, फिर प्लस का चिन्ह बनाएं, फिर अपने जीवनसाथी का नाम लिखें। हर बार नाम लिखने के बाद उसे गीले कपड़े से पोंछ दें। इस प्रकार 100 बार अपना, प्लस जीवनसाथी का नाम लिखना है। 100 बार लिख चुकने के बाद उस पत्थर को साफ करके यथास्थान पर छोड़ दें।
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