A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Ganesh Chaturthi 2020: इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा, होगी हर इच्छा पूरी

Ganesh Chaturthi 2020: इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा, होगी हर इच्छा पूरी

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि और शुक्रवार का दिन है। चतुर्थी तिथि पूरा दिन पार कर देर रात 2 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत किया जायेगा। जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। 

 Ganesh Chaturthi 2020: इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा, होगी हर इच्छा पूरी- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/ONLY_BAPPA_CLICKS Ganesh Chaturthi 2020: इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा, होगी हर इच्छा पूरी

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि और शुक्रवार का दिन है। चतुर्थी तिथि पूरा दिन पार कर देर रात 2 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत किया जायेगा। वैसे तो संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है, लेकिन साल में माघ, श्रावण, मार्गशीर्ष और भाद्रपद के महीने में संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी के व्रत का विशेष महत्व है। इन चारों महीने में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को गणपति के एकदंत रूप की पूजा का विधान है। 

भादो मास की इस चतुर्थी का व्रत रखने से सभी प्रकार के संकटों से छुटकारा मिलता है और आपकी इच्छा पूरी होती हैं। साथ ही संतान सुख की प्राप्ति और उसकी लंबी आयु की कामना के लिये खास तौर पर माताओं को यह व्रत अवश्य रखना चाहिए। आज के दिन गणपति जी को कैसे खुश करें। गणेश जी के कौन से उपाय से मिलेगी परेशानियों से मुक्ति। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से शुभ मुहूर्त और पूजन विधि। 

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

7 अगस्त को सुबह 11 बजकर 6  मिनट से  1 बजकर 39 मिनट तक।

बिजनेस में लगातार बढ़ोतरी के लिए श्री गणेश अर्पित करें ये खास चीज, नौकरी में भी मिलेगी सफलता

ऐसे करें गणेश जी की पूजा

आज के दिन पूजा के लिए गणेश जी की मिट्टी की मूर्ती, कलश, चंदन, रोली, अबीर, धूपबत्ती, सिंदूर, कपूर, फल-फूल, 108 दूब, घी का दीपक, पान-सुपारी, पंचामृत, बेसन के लड्‌डू का प्रसाद, चौक पूरने के लिए आटा, चावल, गंगा जल, इत्र तथा हवन सामग्री लेनी चाहिए।

आज के दिन नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान आदि के बाद दाएं हाथ में फूल, अक्षत व जल लेकर सबसे पहले व्रत का संकल्प करें। इस व्रत में पूरा दिन बिना अन्न के रहने का विधान है और शाम के समय गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने के बाद चन्द्रमा के दर्शन करने पर ही व्रत तोड़ा जाता है। शाम के समय फिर से नहा-धोकर, साफ कपड़े पहनकर एक साफ स्थान पर या मंदिर में आटे से चौक पूरकर गणेश जी की मिट्टी से बनी मूर्ति को मिट्टी के कलश पर स्थापित करें और भगवान को नये वस्त्र चढ़ाएं ।

उसके बाद धूप-दीप, गंध, फूल, अक्षत, रोली आदि से गणेश जी का पूजन करें और बेसन के लड्डूओं या मोदक का भोग लगाएं। गणेश पूजा में एक बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि गणेश जी को कभी भी तुलसी पत्र ना चढ़ाएं। इस तरह गणेश भगवान की पूजा के बाद चन्द्रमा के उगने पर उन्हें अक्षत, जल और भोग से अर्घ्य दें।

चन्द्रोदय का समय

चन्द्रोदय का समय है रात 9 बजकर 13 मिनट पर है। शाम गाय बछडे के  पूजन और जौ व सत्तू का भोग लगाने का महत्व है। इस दिन गेहूं एवं चावल, गाय के दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए । इस दिन गाय के दूध पर केवल बछड़े का ही अधिकार होता है। 

राशिफल 7 अगस्त: कन्या राशि के जातकों को मिलेगा धनलाभ, जानिए अपनी राशि का हाल

Latest Lifestyle News