नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में आज निधन हो गया। दिल्ली के एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक अच्छे नेता नहीं बल्कि एक कवि भी थे। उनकी हर एक कविता में ऐसे शब्द छिपे होते है। जिसे सुनपर आपके अंदर एक पॉजिटिव प्रभाव पड़ेगा। आपके अंदर खो चुका साहस, धैर्य भर जाते है। आप भी पढ़ें अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ अनमोल विचार। (इन 2 खतरनाक बीमारियों से जूझ रहें हैं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, जानें इन रोगों के बारे में सबकुछ )
अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार
आहूति बाकि यज्ञ अधूरा, अपनों के विघ्नों ने घेरा अंतिम जय का वज्र बनाने, नव दधीच हड्डियां गलाएं...आओ फिर से दिया जलाएं...आओ फिर से दिया जलाएं....
Image Source : PTIAtal Bihari Vajpayee
टूटे हुए सपने की सुनें कौन सिसकी,
अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी...
हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा...
काल के कपाल पर लिखता हूं मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं, गीत नया गाता हूं...
किसी भी मुल्क को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझदारी का हिस्सा होने का ढोंग नहीं करना चाहिए, जबकि वो आतंकवाद को बढाने, उकसाने और प्रायोजित करने में लगा हुआ हो।
Atal Bihari Vajpayee
गरीबी बहुआयामी है यह हमारी कमाई के अलावा स्वास्थ्य, राजनीतिक भागीदारी, हमारी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति पर भी असर डालती है।
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