Good Friday 2018: प्रभु यशु के बलिदान का पर्व का आज, जानिए क्या है इसका महत्व
ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे का विशेष महत्व है।माना जाता है कि इसी दिन ईसाइयों के आराध्य प्रभु यीशु ने मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था।
कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे?
वैसे तो गुड फ्राइडे की तैयारी प्रार्थना और उपवास के रूप में 40 दिन पहले ही शुरू हो जाती है।इस दौरान शाकाहारी और सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता है।फिर गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले अनुयायी गिरजाघर जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं।इस दिन भक्त उपवास के साथ प्रार्थना और मनन करते हैं।
चर्च और घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं या उन्हें कपडे़ से ढक दिया जाता है।गुड फ्राइडे के दिन ईसा के अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है जो क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग पर केंद्रित हैं।कुछ जगहों पर लोग काले कपड़े धारण कर यीशु के बलिदान दिवस पर शोक भी व्यक्त करते हैं.
क्या है ईस्टर संडे?
ईसा मसीह के जी उठने की याद में दुनिया भर में ईसाई धर्म को मानने वाले ईस्टर संडे मनाते हैं।मान्यता है कि मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे।इसके बाद उन्होंने अपने शिष्यों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को दर्शन दिए।ईस्टर संडे के दिन लोग चर्च में इकट्ठा होते हैं और प्रभु यीशु को याद करते हैं।ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में लोग प्रभु भोज में भाग लेते हैं।
क्या है ईस्टर एग?
ईस्टर का पर्व नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।ईसाई समुदाय में ईस्टर एग यानी कि अंडे का विशेष महत्व है।जिस तरह से चिड़िया सबसे पहले अपने घोसले मे अंडा देती है, उसके बाद उसमें से चूजा निकलता है।ठीक उसी तरह अंडे को शुभ माना गया है।यही वजह है कि ईस्टर में खास तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाता है।ईस्टर संडे के दिन लोग एक दूसरे को अंडे के आकार के गिफ्ट देते हैं।यही नहीं सजावट में भी अंडे के आकार का इस्तेमाल किया जाता है।