धर्म डेस्क: माघ शुक्ल एकादशी जिसे जया दशी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह एकादशी 18 फरवरी को हैं। जया एकादशी के बारें में पद्म पुराण में कहा गया है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से इस इंसान को भूत-पिशाच की योनी से मुक्ति मिलती है। वो गंधर्व बनता है। जिसक कारण स्वयं विष्णु उसके लिए स्वर्ग के दरवाजे खोल देते है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार 18 फरवरी को महाअशुभ भद्रा आ रही है। जिसके कारण जया एकादशी का शुभ पर्व भद्रा में ही मनाया जाएगा। भद्रा सुबह 9 बजकर 46 मिनट से शुरु होकर रात 9 बजकर 35 मिनट तक रहेगी परंतु स्वर्गवासी भद्रा होने के कारण यह अत्यधिक अशुभ नहीं होगी। इसी तरह कुछ ऐसे काम है जो इस दिन करने चाहिए और कुछ ऐसे काम जो इस दिन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इससे आपका ही नुकसान होगा।
ये करें
- भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें।
- भगवान पदम के सामने दीपक जलाए और दीपक के घी में थोड़ी सी हल्दी मिला लें।
- जनेऊ पर केसर लगाकर भगवान पदम को समर्पित करें।
- फल के रुप में केले का भोग लगाएं।
- पीपल के पत्ते पर दूध और केसर से बनी मिठाई रखकर भगवान को चढ़ाएं। इससे भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते है।
यें काम बिल्कुल न करें
- इस दिन शराब, जुआ बिल्कुल न खेले।
- दिन के समय बिल्कु न सोए।
- व्रत वाली रात को श्री विष्णु पाठ का जाप करते हुए जागरण करना चाहिए।
- पान नहीं खाना चाहिए।
- दांतुन भी नहीं करना चाहिए।
- दूसरों की बुराई करने से बचे।
- झूठ न बोले साथ ही दुष्ट लोगो से दूरी बनाए रखें।
- दशमी तिथि में रात में दूसरी बार भोजन नहीं करना चाहिए।
- एकादशी के दिन इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए- शहद, शाक, करोदों, चना, मसूर की दाल, मांस, जौ
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