छठ पूजा: भूलकर भी भगवान सूर्य को अर्ध्य करते समय न करें ये गलतियां
छठ पूजा में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इन दिनों में भगवान सूर्य को अर्ध्य देने का सबसे अधिक महत्व है। जिसमें आपकी गलती बुरा फल दे सकती है।
धर्म डेस्क: छठ के पर्व में मुख्य रूप से सूर्य उपासना का विधान होता है। इस दिन प्रात:काल में सूर्य की पहली किरण और सायंकाल में सूर्य की अंतिम किरण को अर्ध्य देकर पूजा की जाती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस छठ पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। छठ पूजा कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तक होता है। आज से 'नहाय खाय' के साथ छठ पूजा की शुरुआत हो गई है।
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छठ पूजा के व्रत को जो भी रखता है। वह इन दिनों में जल भी नही ग्रहण करता है। इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस पूजा वैसे तो मुख्य रुप से सू्र्य देवता की पूजा की जाती है, लेकिन साथ ही सूर्य देव की बहन छठ देवी की भी पूजा की जाती है। जिसके कारण इस पूजा का नाम छठ पूजा पड़ा।
इस दिन नदी के तट में पहुंचकर पुरुष और महिलाएं पूजा-पाठ करते है। साथ ही छठ माता की पूजा को आपके संतान के लिए भी कल्याणकारी होती है। छठ पूजा में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इन दिनों में भगवान सूर्य को अर्ध्य देने का सबसे अधिक महत्व है। जिसमें आपकी गलती बुरा फल दे सकती है। हमारी छोटी-छोटी गलतियां हमारे लिए गलत साबित हो सकती है। इसलिए हम आपको अपनी खबर में ऐसे कामों के बारें में बता रहें है। जिन्हें सूर्य़ को अर्ध्य देते समय नहीं करना चाहिए।
- कभी भी ताम्बे के पात्र में दूध भरकर अर्घ्य न करें।
- हमेशा पीतल के पात्र से दूध का अर्घ्य देना चाहिए।
- कभी भी चांदी, स्टील, शीशा या फिर प्लास्टिक के बर्तनों से अर्घ्य नहीं करना चाहिए।
इन चीजों से करें छठ पूजा
सूप: अर्ध्य में नए बांस से बनी सूप व डाला का इस्तेमाल करें। माना जाता है कि सूप से वंश में वृद्धि और रक्षा होती है।
ईख: ईख आरोग्यता का घोतक है।
ठेकुआ: ठेकुआ समृद्धि का घोतक है। यह एक मीठा व्यजंन है।
मौसमी फल: यह फल प्राप्ति के घोतक हैं।