धर्म डेस्क: ईश्वर की अराधना सारी दुनिया में हर धर्मों में होती है। हर धर्म के अनुसार अराधना का तरीक़ा भी बदल जाता है। दरअसल अराधना का सीधा संबंध ईश्वर से संपर्क करने का होता जिससे मन को शांति और विश्वास मिलता है।
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वैदिक परंपरा में हर घर में मंदिर होना ज़रूरी बताया गया है लेकिन मंदिर में रखीं ईश्वर की मूर्ति की आराधना कैसे करें, इससे जुड़े भी कई निर्देश दिए गए हैं। हम आपको बताते हैं वे विशेष बातें जिनका ध्यान अवश्य रखना ही चाहिए।
टूटे चावल, दीपक
पूजा में चावल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है लेकिन ये टूटे हुए नहीं होने चाहिए। चावल चढ़ाने से पहले अगर आप उन्हें हल्दी के घोल से पीला कर लेते हैं तो यह और भी शुभ है। कभी भी धार्मिक कार्य के लिए किसी खंडित वस्तु, जैसे टूटे दीपक आदि का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
पान का पत्ता
पूजा में पान का पत्ता बहुत उपयोगी माना गया है। पान के पत्ते में इलायची, लौंग, गुलकंद आदि भी डालकर पूजा करने से शुभ लाभ प्राप्त होते हैं।
पूजा का दीपक
पूजा के दौरान जलाए गए दीपक का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दीपक के बुझने से पूजा का फल नहीं मिल पाता।
पूजा की सामग्री
पूजा की शुरुआत करने से पहले जिस भी देवी-देवता की पूजा की जानी है उनका आह्वान, ध्यान, आसन, स्नान, पूजा के लिए उपयोगी सामग्री, दीपक जलाना, प्रसाद आदि सभी ज़रूर होने चाहिए। जिससे आपको बार-बार उछना न पड़े।
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