धर्म डेस्क: आकाशमंडल में स्थित कुल 27 नक्षत्र नौ-नौ की संख्याओं में तीन श्रृंखला में बंटे हुए हैं। पहली श्रृंखला की शुरुआत अश्विनी नक्षत्र से होती है, जबकि दूसरी श्रृंखला का आरंभ मघा नक्षत्र से होता है और तीसरी श्रृंखला मूल नक्षत्र से शुरू होती है।
मघा नक्षत्र का आकाशमंडल में दसवां स्थान माना जाता हैं। मघा का अर्थ है - बलवान या महान। यह नक्षत्र किसी न किसी प्रकार की ताकत तथा प्रभुत्व के साथ जुड़ा होता है। मघा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह राज सिंहासन को माना जाता है। इस नक्षत्र में तालाब बनवाना, कुएं खुदवाना, नलकूप लगवाना, चिकित्सा का कार्य, विद्या अध्ययन, लेखन और शिल्प आदि का कार्य करना शुभ होता है।
मघा नक्षत्र की राशि कर्क है और कर्क राशि के स्वामी चन्द्रमा हैं, जबकि मघा नक्षत्र का स्वामी केतु है। यहां ये भी बता दूं कि हर एक नक्षत्र का अपना पेड़ होता है। मघा नक्षत्र का पेड़ बरगद है। अतः मघा नक्षत्र में बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। मघा नक्षत्र के दौरान कुछ खास उपायों की भी चर्चा करेंगे, जिनसे आपका सुख-सौभाग्य बढ़ेगा। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आप एक अच्छे शासक होंगे। आपके बिजनेस में बढ़ोतरी होगी।
- यदि आप चाहते हैं कि आपका सुख-सौभाग्य बढ़ता रहे और आपकी किस्मत के सितारे बुलंद हो जाये, तो बरगद के पेड़ का एक पत्ता लेकर आयें और उस पत्ते पर हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। अब उस बरगद के पत्ते को अपने घर के मंदिर में रख दें। ऐसा करने से आपका सुख-सौभाग्य हमेशा बना रहेगा। लेकिन यहां इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उस पत्ते को अगले दिन बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
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