धर्म डेस्क: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी मनाई जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है। इसदिन विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ करने से हर पाप की नाश होती है।
यह व्रत ग्रहस्थ के लिए करना जरूरी हो और काम्य व्रत का मतलब है। जो किसी वांछित वस्तु की प्राप्ति, यानी कि जो ऐश्वर्य, संतति, स्वर्ग, मोक्ष की प्राप्ति के लिये किया जाए। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि एकादशी व्रत का पारण चावल से नहीं किया जाता। एकादशी से एक दिन पहले से ही मदिरा आदि के सेवन पर निषेद्ध लगा दिया जाता है।
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काल निर्णय के पृष्ठ 257 के अनुसार 8 वर्ष से अधिक और 80 वर्ष से कम हर व्यक्ति को एकादशी का व्रत करना चाहिए और एकादशी पर पका हुआ भोजन नहीं करना चाहिए। फल, मूल, तिल, दूध, जल, घी, पंचद्रव्य और वायु का सेवन करके यह व्रत अवश्य करना चाहिए। जानिए इस क्या उपाय करने से घर में सुख-शांति आती है।
- एकादशी की शाम तुलसी के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और 'ऊं वासुदेवाय नमः' मंत्र को बोलते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें। ऐसा करने से आपके घर में सुख-शांति और हर संकट से छुटकारा मिलेगा।
- इस दिन भगवान विष्ण को पीले रंग के फूल जरुर अर्पित करें। इससे आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।
- भगवान विष्णु की पूजा करते समय खीर का भोग लगाएं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि खीर में तुलसी की पत्तियां जरुर डालें।
- इस दिन पीले रंग के फल, कपडे व अनाज भगवान विष्णु को अर्पित करें। साथ ही गरीबों को भी दान दें।
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