नई दिल्ली: कौटिल्य नाम से जाने जाने वाले आचार्य चाणक्य ने धर्मनीति, कूटनीति और राजनीति में समय-समय पर अपने मूल्यवान विचार सामने रखे हैं। उन्हें अर्थशास्त्र का प्रकांड ज्ञाता माना जाता था, लेकिन इसके बावजूद वो आम मानवीय स्वभाव, भूत एवं भविष्य और व्यक्ति की सुख समृद्धि के लिए जरूरी चीजों के साथ साथ इसका संकेत देने वाले लक्षणों को भी बेहत ढंग से समझते थे।
आचार्य चाणक्य का मानना था कोई व्यक्ति जीवन में जो कर्म करता है उसका फल कभी न कभी किसी न किसी रूप में जरूर मिलता है। इसलिए हमेशा व्यक्ति को सशर्त रहने के साथ बुद्धिमत्ता के साथ काम करना चाहिए। ऐसे ही आचार्य ने एक बात के बारे में बताया जिसे किसी के साथ ही शेयर नहीं करना चाहिए।
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'अपने राज किसी को भी मत बताओ। ये तुम्हें खत्म कर देगा।- आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का मतलब है कि किसी को भी अपनी जिंदगी से जुड़ा कोई भी राज नहीं बताना चाहिए। हो सकता है कि आने वाले समय पर यहीं राज आपके लिए घातक बन जाए। किसी पर भी आसानी से विश्वास करना मनुष्य की प्रवृत्ति होती है। जरूरत से ज्यादा विश्वास करना किसी भी व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है।
कई बार मनुष्य विश्वास के वशीभूत होकर किसी दूसरे मनुष्य को अपना वो राज बता देता है जो उसकी जिंदगी में बहुत अहमियत रखता है। जिसे वह सबकी नजरों से बचाकर रखा हुआ है।
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कई बार तो सामने वाला उस राज को राज ही रखता है तो कई बार छल से अपनी ढाल बनाता है। यानि कि सामने वाला व्यक्ति आपके राज के हदले आपकी भावनाओं , शक्ति से खेल सकता है। वह इस राज का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए किसी भी तरह कर सकता है। जिससे आपका नुकसान भी हो सकता है। आपका पूरा जीवन बर्बाद हो सकता है। इसलिए अगर आपको जीवन भर खुशहाल रहना है तो हर एक राज हर किसी के साथ बांटने से बचे। इसे सिर्फ अपनों तक ही सीमित रखें।
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