धर्म डेस्क: एक के बाद एक त्यौहारों का सिलसिला जारी है। कार्तिक माह त्योहारों का माह कहा जाता है। करवा चौथ के बाद दीवाली का त्योहार आ रहा है। जो कि हर किसी के लिए खास है। जिसकी तैयारी जोरो-शोरो से चल रही है। दीवाली के दिनों पर घर की रौनक बिल्कुल बदल देते है।
त्यौहारों के इस टाइम में सभी अपना घर चमकता हुआ देखना चाहते हैं और उसी के लिये रंग-रोगन, लिपाई- पुताई करवाते हैं। लेकिन किसी भी दिशा में कोई भी रंग करवाना उचित नहीं है। वास्तु शास्त्र के अनुसार हर दिशा का संबंध किसी न किसी एक specific रंग से है, तो किस दिशा में कौन- सा रंग करवाना चाहिए और कौन सा नहीं।
इस तरह दिशाओं के हिसाब से सही रंग करवाने से लम्बी उम्र, हर तरह के सुख-साधन, सम्पत्ति, यश-कीर्ति, सम्मान, खुशी, प्यार और अच्छे साथी मिलते हैं। साथ ही भय और हर तरह की परेशानी से छुटकारा मिलता है। जानिए पूर्व दिशा में कौन-कौन सा रंग कराना होता है शुभ।
हरा रंग
पूर्व दिशा के लिये इससे बेहतर और कोई रंग नहीं हो सकता। पूर्व दिशा में हरे रंग का इस्तेमाल करने से पारिवारिक जीवन सुखी होता है, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और लम्बी उम्र मिलती है। आपके पैर मजबूत रहते हैं और घर के बड़े बेटे की जिंदगी बहुत ही अच्छी हो जाती है। इस दिशा में हरा रंग करवाने से शुभ वास्तु के शुभ परिणाम निश्चित ही हासिल होते हैं।
लाल रंग
पूर्व दिशा में लाल रंग का सीमित उपयोग करना अच्छा रहता है। लाल रंग का सीमित प्रयोग रिश्तों में सामंजस्य उत्पन्न करता है, लेकिन अगर आप पूर्व दिशा में सिर्फ लाल रंग का इस्तेमाल करेंगे तो यह आपके स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन को नुकसान पहुंचा सकता है। किसी अनचाही घटना की संभावना को बढ़ा सकता है। बड़े पुत्र का जोश मर्यादा की सीमा से बाहर जा सकता है और यह आपके पैरों को कमजोर बना सकता है। इसलिए पूर्व दिशा में लाल रंग का जितना हो सके, कम से कम ही उपयोग करें।
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